Holi 2022: कहीं उत्साह की ‘मिठास’ बढ़ा न दे आपकी परेशानी, होली में डायबिटीज रोगी इन बातों का रखें खास ख्याल
रंगों और उत्साह-आनंद के त्योहार होली का हम सभी को पूरे साल इंतजार रहता है। पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे को गले लगाना, मिठाइयां-गुझिया खाना, इस त्योहार को कई मामलों में खास बनाता है। पर कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को होली में सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। डायबिटीज ऐसी ही बीमारी है जिसमें होली के समय बरती गई थोड़ी भी लापरवाही गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मधुमेह रोगियों को होली के उत्सव के बीच अपनी सेहत को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मधुमेह रोग से ग्रसित लोगों को दैनिक रूप से अपने खान-पान और कैलोरी की मात्रा पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। त्योहारों में चूंकि मिठाइयों-पकवानों की अधिकता होती है, ऐसे में आहार में थोड़ी भी गड़बड़ी आपके लिए बड़ी मुसीबतों का कारण बन सकती है। तो क्या जिन लोगों को डायबिटीज की शिकायत है वह होली का ठीक से आनंद नहीं ले सकते है? ऐसा नहीं है, कुछ बातों को ध्यान में रखकर न सिर्फ आप स्वस्थ रह सकते हैं साथ ही इस त्योहार का आनंद भी ले सकते हैं।
आहार को लेकर न बरतें कोई लापरवाही
होली के इस मौसम में तरह-तरह के पकवान देखकर आपका मन भी डोल सकता है, पर ध्यान रहे मीठे-अस्वास्थ्यकर चीजों का अधिक सेवन आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है। रक्त में शर्करा का बढ़ना कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारक बन सकता है। ऐसे में स्वस्थ और पौष्टिक चीजों का ही सेवन करें। तली-भुनी, मीठी चीजों से बचें। यदि आप मीठी चीजों को खाना भी चाहते हैं, तो भोजन से कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों को कम करके आहार का संतुलन बनाएं।
हाइड्रेशन का रखें विशेष ध्यान
होली के समय ज्यादातर लोग डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं, यह डायबिटीज रोगियों की समस्या को बढ़ा सकती है। थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी, छाछ और स्वस्थ पेय का सेवन करते रहें। अल्कोहल जैसे पेय से दूर रहें। दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी जरूर पिएं। मीठे पेय-सोडा से भी परहेज करें, इससे कई तरह की स्वास्थ्य जटिलताओं का जोखिम हो सकता है।
आहार के साथ डायबिटीज रोगियों को होली के दिनों में जीवनशैली को लेकर भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
- खाने के लिए ऑलिव ऑयल या शुद्ध तेल को ही प्रयोग में लाएं। ये ओमेगा -3, मोनोअनसैचुरेटेड फैट और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट में समृद्ध होते हैं, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर पर बेहतर नियंत्रण लाने में मदद करते हैं।
- दैनिक आहार में फाइबर युक्त संपूर्ण खाद्य पदार्थ, जैसे सेब, गाजर, बीन्स, काजू और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें।
- चीनी की जगह गुड़ वाले पकवानों का कम मात्रा में सेवन कर सकते हैं।
- हर्बल रंगों का प्रयोग करें। रंगों में मौजूद रसायनों के संपर्क में आने से त्वचा को नुकसान या संक्रमण हो सकता है। मधुमेह वाले लोग त्वचा संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
- शराब-धूम्रपान से बिल्कुल दूरी बनाकर रखें।
- मधुमेह की दवाइयों या इंसुलिन को लेकर कोई लापरवाही न बरतें।
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