मध्य प्रदेश में गहरा रहा डीजल संकट, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
MP में अब पेट्रोल-डीजल संकट गहराने लगा है। राज्य के 4900 पेट्रोल पंपों में से बुधवार को लगभग 1000 पेट्रोल पंप सूख गए थे। सबसे ज्यादा डीजल की कमी से किसानों को दिक्कत हो रही है।
मध्य प्रदेश में अब पेट्रोल-डीजल संकट गहराने लगा है। राज्य के 4900 पेट्रोल पंपों में से बुधवार को लगभग 1000 पेट्रोल पंप सूख गए थे। सबसे ज्यादा डीजल की कमी से किसानों को दिक्कत हो रही है। कई पेट्रोल पंपों की स्थिति तो यह है कि वहां डीजल पहुंच ही नहीं रहा है। जिसके कारण पेट्रोल पंप मालिक भी परेशानी का सामना कर रहे हैं। जिन पेट्रोल पंपों पर ईंधन बचा है वहां पर तीन से चार दिनों तक का स्टॉक है। हाईवे की बात करें तो, प्रदेश से गुजरने वाले हाईवे के 60 फीसदी पंपों पर डीजल खत्म हो गया है।
बता दें कि प्रदेश में तीन ऑइल कंपनियां ईंधन सप्लाई करती हैं। इनमें से भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 40 फीसदी सप्लाई घटा दी है। पेट्रोल पंप एसोसिएशन का कहना है कि केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद तेल कंपनियों ने सप्लाई कम कर दी है। यदि सप्लाई ठीक नहीं हुई तो आने वाले कुछ दिन के बाद स्थिति गंभीर हो सकती है। सबसे ज्यादा दिक्कत डीजल को लेकर है। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाकों के पेट्रोल पंपों पर रही।
मप्र पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि दुनिया में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से तेल कंपनियों को 28 प्रतिशत घाटा हो रहा है, इसलिए पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति में कटौती कर रही हैं। शहर के पंप 2 से 3 घंटे बंद हो रहे हैं। क्योंकि सप्लाई नहीं हो रही है। कंपनी को करीब 28 रुपये डीजल पर और 16 रुपये पेट्रोल पर घाटा हो रहा है। रिलांयस ने कच्चा तेल रिफाइंड करके यूरोपीय देशों को भेजा है। इससे भी आपूर्ति प्रभावित हुई है। भोपाल में रिलांयस का डिपो है, जिससे भारत, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम पेट्रोल व डीजल लेती हैं। रिलांयस ने अपने पेट्रोल पंप बंद करके आपूर्ति का समय भी घाटा दिया है। ग्रामीण इलाकों के पंपों पर पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
सूत्रों की माने तो कच्चे तेल के भाव में आने वाले उतार-चढ़ाव, अचानक से कम हुए डीजल के दाम, पेट्रोल पंप मालिकों और पेट्रोलियम कंपनी के बीच रेट को लेकर चल रहे घमासान के कारण यह समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। लेकिन आंतरिक और तकनीकी कारणों के चलते भुगतान आम नागरिकों, व्यवसायियों, व्यापारियों और विशेषकर किसान को करना पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश में कुल 4900 पेट्रोल पंप हैं, जिसमें से राजधानी भोपाल में 152 पंप हैं। प्रदेश में हर रोज 2.77 करोड़ लीटर पेट्रोल-डीजल की खपत होती है। भोपाल में हर रोज साढ़े 9 लाख लीटर पेट्रोल और 12 लाख लीटर डीजल की खपत होती है। लेकिन पेट्रोलियम डीलर्स का कहना है कि तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की सप्लाई करीब 40% तक घटा दी है, जिससे लगभग 1000 पंप सूख रहे हैं।
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