खुले रोजगार के द्वार: प्रवासियों के लिए शुरू की गई थी स्वरोजगार योजना, दो साल में पढ़ें कितना हुआ फायदा

प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की थी।  वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने योजना के तहत 5100 लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा था। इसके सापेक्ष 5834 परियोजनाओं को विभिन्न बैंकों ने ऋण के लिए स्वीकृत किया है।

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प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (एमएसवाई) से रोजगार के द्वार खुले हैं। पिछले दो साल में योजना के तहत लक्ष्य से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। जिनमें विभिन्न बैंकों के माध्यम से परियोजनाओं को ऋण उपलब्ध कराया गया। कोविड महामारी के कारण उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की थी।

योजना में कुशल और अकुुशल लोगों को सेवा, विनिर्माण और व्यापार क्षेत्र में काम धंधा शुरू करने के लिए बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सरकार की ओर से परियोजना लागत का 15 से 25 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने योजना के तहत 5100 लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा था।

इसके सापेक्ष 5834 परियोजनाओं को विभिन्न बैंकों ने ऋण के लिए स्वीकृत किया है। योजना में विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख, सेवा और व्यापार क्षेत्र में परियोजना लागत की अधिकतम सीमा 10-10 लाख है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में भी तीन हजार लक्ष्य के सापेक्ष 3100 आवेदनों को बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया गया।

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