एक धर्मगुरु, एक धार्मिक संस्था और शिंजो आबे के हत्यारे के बारे में हुए ये बड़े खुलासे
जापान पुलिस की जांच में सामने आया है कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या हाथ से बनाए गए बंदूक से की गई थी. आरोपी ने शिंजो आबे की हत्या में यूज किए गए बंदूक के लिए ऑनलाइन पार्ट्स खरीदा था फिर हाथ से बनाए गए बंदूक से ही शुक्रवार को हत्या की वारदात को अंजाम दिया था.
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या में धर्मगुरु और धर्मिक संस्था का कनेक्शन भी सामने आया है. हत्या के आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह शिंजो आबे की नहीं बल्कि एक धर्मगुरु की हत्या करना चाहता था. उसने बताया कि वह धर्मगुरु की हत्या नहीं कर पाया, चूंकि शिजो आबे उस धर्मगुरु से संबंध रखते थे, इसलिए उनको मार डाला.
Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार, शिंजो आबे की हत्या ने एक राजनीतिक दल की ओर ध्यान आकर्षित किया जिसने हाल ही में हुए चुनाव से पहले धार्मिक संगठन से संबंधों के चलते शिंजो आबे की आलोचना की थी. दरअसल, एनएचके पार्टी के महासचिव अकिहको कुरोकावा (Akihiko Kurokawa) के कुछ बयानों का सोशल मीडिया यूजर्स ने जिक्र करते हुए आरोप लगाया था कि पिछले महीने एक कैंपेन में बहस के दौरान शिंजो आबे को जापान में धार्मिक संगठनों को दिए जाने वाले फंड के लिए दोषी ठहराया गया था. कथित तौर पर इन संगठनों पर विदेशी जासूसी के आरोप लगे थे.
आबे की हत्या के आरोपी तेत्सुया यामागामी ने पुलिस को बताया था कि उसने शुरू में एक धार्मिक समूह के नेता पर हमला करने की योजना बनाई थी, जिसके बारे में उनका मानना था कि बड़ी रकम दान करने के बाद उसकी मां दिवालिया हो गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने अबे के खिलाफ शिकायत भी की थी कि पूर्व प्रधानमंत्री ने जापान में धार्मिक समूह को बढ़ावा दिया
आबे की हत्या में यूज बंदूक के बारे में विशेषज्ञों ने दी ये जानकारी
उधर, जांच में सामने आया है कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या हाथ से बनाए गए बंदूक से की गई थी. आरोपी ने शिंजो आबे की हत्या में यूज किए गए बंदूक के लिए ऑनलाइन पार्ट्स खरीदा था फिर हाथ से बनाए गए बंदूक से ही शुक्रवार को हत्या की वारदात को अंजाम दिया था.
हथियार विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को मारने के लिए आरोपी ने जिस बंदूक का इस्तेमाल किया था, उस तरह के बंदूक को आसानी से बनाया जा सकता है. विशेषज्ञों ने बताया कि इस तरह के बंदूक बनाने के लिए पार्ट्स आसानी से स्टोर या फिर ऑनलाइन उपलब्ध हैं.
उन्होंने कहा कि आरोपी 41 साल के तेत्सुया यामागामी की ओर से यूज किए गए डबल बैरल बंदूक के बारे में निश्चित रूप से कम जानकारी है लेकिन प्रारंभिक तौर पर इसे देखने से पता चलता है कि इस बंदूक को उन पार्ट्स से जोड़कर बनाया गया था जो आसानी से हार्डवेयर स्टोर पर मिल जाते हैं. उन्होंने कहा कि बंदूक को देखने पर पता चलता है कि इसे बनाने के लिए लकड़ी का फ्रेम, पाइप, बिजली के तारों को जोड़ने में इस्तेमाल किया जाने वाला टेप, बैटरी आदि का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि इन सभी पार्ट्स को कैसे जोड़कर बंदूक बनाई जा सकती है, इसकी जानकारी भी ऑनलाइन मौजूद है.
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