गढ़वाल केंद्रीय विवि श्रीनगर के छात्र संघ चुनाव, ABVP के बागी गौरव मोहन नेगी छात्र संघ अध्यक्ष निर्वाचित
गढ़वाल केंद्रीय विवि छात्र संघ चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. आरसी डिमरी के गुरुवार देर शाम चुनाव परिणाम घोषित करते ही विजयी प्रत्याशियों के समर्थकों में उत्साह दिखा। नवनिर्वाचित विवि छात्र संघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी के समर्थकों ने देर शाम शहर में जुलूस निकालकर विजय का शंखनाद किया।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के छात्र संघ चुनाव में निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बागी गौरव मोहन नेगी अध्यक्ष चुने गए। महासचिव पद पर आर्यन के सम्राट राणा विजयी रहे। राबिन सिंह उपाध्यक्ष और रंजना छात्र संघ सहसचिव, योगेश बिष्ट कोषाध्यक्ष और अमन पंवार छात्र संघ में विवि प्रतिनिधि चुने गए।
गढ़वाल केंद्रीय विवि छात्र संघ चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. आरसी डिमरी के गुरुवार देर शाम चुनाव परिणाम घोषित करते ही विजयी प्रत्याशियों के समर्थकों में भारी उत्साह देखा गया। नवनिर्वाचित विवि छात्र संघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी के समर्थकों ने देर शाम शहर में जुलूस निकालकर विजय का शंखनाद किया। शांतिपूर्ण चुनाव के लिए उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह और पुलिस उपाधीक्षक श्यामदत्त नौटियाल, श्रीनगर कोतवाल हरिओम राज चौहान सुबह से ही भारी पुलिस बल के साथ बिड़ला परिसर में डेरा डाले रहे।गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर गुरुवार को बिड़ला परिसर श्रीनगर और विवि चौरास परिसर के छात्र-छात्राओं में मतदान को लेकर भारी उत्साह देखा गया। विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशी गौरव मोहन सिंह नेगी ने 1688 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जय हो छात्र संगठन के कैवल्य जखमोला को 195 वोटों के अंतर से हरा दिया।सचिव पद पर आर्यन छात्र संगठन के सम्राट सिंह राणा ने 2267 वोट पाकर जीत दर्ज की। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सूरज नेगी को 2178 वोट मिले। सहसचिव पद पर डीएसओ छात्र संगठन की रंजना ने शानदार जीत दर्ज की। रंजना ने 3207 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सूरज सिंह को 2050 वोटों के अंतर से हराया।गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष पद पर पहली बार बतौर निर्दलीय प्रत्याशी गौरव मोहन सिंह नेगी ने जीत दर्ज कर एक रिकार्ड बनाया है। वह विद्यार्थी परिषद से विद्रोह कर बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे। गौरव मोहन सिंह नेगी पिछले 8-9 साल से विद्यार्थी परिषद के कर्मठ कार्यकर्त्ता रहे थे, लेकिन परिषद ने इस चुनाव में अमनबल्लभ पंत को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया, जिससे गौरव नेगी के समर्थक छात्र-छात्राओं ने विद्यार्थी परिषद से विद्रोह कर दिया। बतौर निर्दलीय गौरव मोहन नेगी का चुनाव लड़ना विद्यार्थी परिषद को भारी पड़ गया और विद्यार्थी परिषद तीसरे स्थान पर पिछड़ गया।डीएसओ छात्र संगठन ने केवल सहसचिव पद पर रंजना को चुनाव लड़ाया, जो सबसे अधिक 2050 वोटों के अंतर से चुनाव जीती, जबकि डीएसओ छात्र संगठन की ही मोनिका चौहान छात्रा प्रतिनिधि निर्विरोध चुनीं गई। आइसा छात्र संगठन ने भी केवल एक उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ा और उसमें आइसा का राबिन सिंह ही विजयी रहा।
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