जयपुर में पत्तों की तरह गिरी 5 मंजिला बिल्डिंग

जयपुर में पत्तों की तरह गिरी 5 मंजिला बिल्डिंग

जयपुर में पेपर लीक के मास्टरमाइंड की कोचिंग के पास वाली बिल्डिंग को भी जयपुर विकास प्राधिकरण(जेडीए) ने तोड़ दिया है। अवैध तरीके से रेसीडेंशियल जमीन पर जेडीए की अनुमति के बिना बनी इस पांच मंजिला बिल्डिंग को तोड़ने का काम 20 जनवरी की सुबह शुरू किया था, लेकिन कल पूरे दिन तकनीकी समस्या आने के कारण बिल्डिंग नहीं गिर सकी थी।

शनिवार सुबह करीब 8 बजे जेडीए ने दोबारा कार्रवाई शुरू की तो सबसे पहले बिल्डिंग के चारों तरफ फैला मलबा हटाया। उस बिल्डिंग के पिल्लरों को पोकनेल मशीन से कमजोर किया। पिल्लर कमजोर करने के साथ ही बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरफ बिखर गई।

जेडीए के एन्फोर्समेंट विंग के चीफ रघुवीर सैनी ने बताया कि गुर्जर की थड़ी पर सुखविहार योजना के प्लॉट पर ये बिल्डिंग बनी थी। 296 गज के रेसीडेंशियल जमीन पर कॉमर्शियल उपयोग के हिसाब से कंस्ट्रक्शन कर लिया था, जिसे बनने के दौरान नोटिस देकर काम रोकने के लिए भी कहा था।

सैनी ने बताया कि प्लॉट मालिक ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट से स्टे लेने के बाद इसका निर्माण जारी रखा। पिछले साल जब कोर्ट ने सील खोलने के आदेश दिए थे, तब जेडीए को बिना सूचना दिए भवन मालिक ने भवन की सील खोल दी और निर्माण पूरा कर लिया।

12 दिन पहले तोड़ी थी पास वाली बिल्डिंग
करीब 12 दिन पहले ही जेडीए ने इस बिल्डिंग से लगती हुई एक और 5 मंजिला बिल्डिंग तोड़ी थी। इस बिल्डिंग में अधिगम कोचिंग चलता था। इसके संचालक सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर को लीक करने के मास्टर माइंड थे। जेडीए ने इस बिल्डिंग को भी अवैध श्रेणी का मानते हुए कार्रवाई करके पूरा जमींदोज कर दिया था। इसके बाद 13 जनवरी को जेडीए ने इस कोचिंग संचालक के अजमेर रोड स्थित घर में भी अवैध निर्माण के हिस्से को ढहाया था।

फरवरी 2020 में दिया था नोटिस
रघुवीर सैनी ने बताया- जब इस बिल्डिंग का निर्माण चल रहा था, तब हमारी टीम के सामने मामला आने पर करीब तीन साल पहले 24 फरवरी 2020 को अवैध निर्माण पर नोटिस जारी किया गया। साथ ही बिल्डिंग मालिक काे कंस्ट्रक्शन बंद करने के लिए कहा गया। नोटिस के बाद भी भूखण्ड स्वामी ने निर्माण जारी रखते हुए नोटिस का जवाब भिजवाया।

जनवरी 2021 में भवन किया था सील
भूखण्ड के मालिक का जवाब मिलने और टेक्निकल टीम से जांच करवाने पर जवाब संतोषजनक नहीं मिला। इसके बाद जेडीए ने इस बिल्डिंग को 13 जनवरी 2021 को सील कर दिया था। इस सीलिंग की कार्रवाई के विरोध में भूखण्ड मालिक ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका लगाई। इसके बाद कोर्ट ने स्टे दे दिया। इस मामले पर चली लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने पिछले साल 17 अक्टूबर 2022 को भूखण्ड को सात दिन में सील मुक्त करने के जेडीए के आदेश दे दिए।

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