उत्तराखंड
देहरादून
online monitoring of cases related to tax evasion and tax evasion will be facilitated on major roads of the state., With this, इससे प्रदेश के प्रमुख मार्गों में यातायात के नियमों के अनुपालन एवं कर अपवंचन संबंधी प्रकरणों की ऑनलाईन मॉनिटरिंग की सुविधा होगी।, उत्तराखंड बुलेटिन, देहरादून न्यूज़
MP Team
इससे प्रदेश के प्रमुख मार्गों में यातायात के नियमों के अनुपालन एवं कर अपवंचन संबंधी प्रकरणों की ऑनलाईन मॉनिटरिंग की सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय से परिवहन विभाग द्वारा तैयार किये गये ऑटोमैटिक नम्बर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (ए.एन.पी.आर) का शुभारंभ किया
इससे प्रदेश के प्रमुख मार्गों में यातायात के नियमों के अनुपालन एवं कर अपवंचन संबंधी प्रकरणों की ऑनलाईन मॉनिटरिंग की सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यातायात के नियमों के पालन एवं सड़क सुरक्षा की दृष्टि से यह एक अच्छी शुरूआत है। ए.एन.पी.आर कैमरे लगने से लोग यातायात के नियमों का पालन भी करेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ए.एन.पी.आर कैमरे के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। इस कैमरे में अभी शुरूआती चरण में जो लोग यातायात के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनको चेतावनी के एस.एम.एस भेजे जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ए.एन.पी.आर कैमरे लगाने की जहां भी आवश्यकता पड़ रही है, स्थानों का चयन कर वहां इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि ए.एन.पी.आर कैमरे लगने से जीएसटी एवं अन्य विभागों को भी मदद मिलेगी व कर चोरी की रोकथाम भी इससे संभव होगी। इससे जहां चेक पोस्टों पर जाम से निजात मिलेगी, आवागमन भी सरल होगा। इस व्यवस्था के प्रारम्भ होने से वाहन दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी।
सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि मोटर यान अधिनियम, 1988 में संशोधन करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग किये जाने की व्यवस्था की गई है। उत्तराखण्ड में राज्य की सीमा पर स्थापित सभी चैक पोस्टों को समाप्त कर दिया गया है। राज्य में इलैक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू करने हेतु प्रथम चरण में राज्य की सीमा पर ए०एन०पी०आर० स्थापित करने की योजना बनाई गयी जिसके लिये राज्य सड़क सुरक्षा कोष से रूपये 4.61 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।
सचिव परिवहन ने जानकारी दी कि योजना के अन्तर्गत ए०एन०पी०आर० पोर्टल से प्राप्त डाटा को जीएसटी विभाग को उपलब्ध कराने हेतु इन्टीग्रेशन की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है, जबकि अन्य विभागों खनन, आबकारी, पर्यटन, शहरी विकास, वन विभाग तथा पुलिस के साथ इन्टीग्रेशन किया जाना भी प्रस्तावित है ताकि एक ही माध्यम से प्राप्त डाटा का सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा उपयोग किया जा सके। इस व्यवस्था को पूर्णतः आटोमेटेड बनाया गया है जिसके लिए ए०एन०पी०आर० कैमरे के लिए तैयार सॉफ्टवेयर का इन्टीग्रेशन वाहन पोर्टल एवं ई-चालान पोर्टल से किया गया है। इससे वाहन की नम्बर प्लेट के आधार पर चालान स्वतः जेनरेट हो सकेंगे, जिसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक श्री अनूप मलिक, आयुक्त राज्य कर डॉ. अहमद इकबाल, निदेशक आईटीडीए श्रीमती नितिका खण्डेलवाल एवं सबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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