पौड़ी गढ़वाल: नाना के घर जा रही नाबालिग से गांव के युवक ने किया दुष्कर्म, बस स्टैंड पर छोड़कर आरोपी हुआ फरार
प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत नाबालिग से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़िता अपनी मौसी के घर से नाना के घर लौट रही थी। राजस्व पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। साथ ही मामले को रेगुलर पुलिस के लिए हस्तांतरित करने की भी कार्यवाही शुरू की गई है।
पीड़िता के मौसी ने गांव के युवक को भतीजी को नाना के घर छोड़ने की सौंपी जिम्मेदारी
कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र निवासी एक नौ वर्षीय बालिका अपने स्वजनों के साथ प्रखंड रिखणीखाल में अपने नाना के घर गई हुई थी। एक सप्ताह पहले वह नाना के घर से प्रखंड क्षेत्र में ही अपनी मौसी के घर चली गई। शुक्रवार को नाबालिग अपनी मौसी के साथ पाणीसैण बाजार आई व वहां से नाना के घर जाने के लिए कोटद्वार की ओर आने वाली बस में सवार हो गई। बस में नाना के गांव का ही युवक विक्रम सिंह भी बैठा था। बालिका की मौसी सौलखांद बस स्टाप पर उतर गई व बस में सवार विक्रम को अपनी भतीजी को नाना के घर छोड़ने के लिए कह दिया।
गांव के युवक ने जंगल में ले जाकर नाबालिग के साथ किया दुष्कर्म
राजस्व निरीक्षक प्रीतम सिंह ने पीड़िता से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि नाना के घर से करीब दो किमी. विक्रम ने उसे बस से उतर छोटे रास्ते से चलने को कहा। बालिका विक्रम की बातों में आकर उसके साथ बस से उतर गई। विक्रम उसे जंगल में ले गया और उससे दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद वह किशोरी को सड़क पर वापस लाया और बस स्टैंड पर छोड़ फरार हो गया।
बस दोपहर दो बजे गांव पहुंच गई लेकिन, बालिका शाम पांच बजे तक घर नहीं पहुंची तो स्वजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। पाणीसैण बाजार से नाबालिग का मामा मैक्स वाहन में सवार होकर उसे ढूंढता हुआ गांव की ओर आया, जहां उसे गांव से करीब दो किमी. पहले बस स्टैंड पर बालिका मिल गई। घर पहुंच बालिका ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी स्वजनों को दी।
किशोरी को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया चिकित्सालय
बताया कि स्वजनों की तहरीर पर विक्रम के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है। महिला राजस्व उप निरीक्षक ज्योति मंझेड़ा को किशोरी का मेडिकल परीक्षण के लिए बेस चिकित्सालय में भेजा गया। बताया कि कानूनगो ओमप्रकाश भटगई व राजस्व उपनिरीक्षक यशवंत सिंह के साथ टीम बनाकर उन्होंने आरोपी के घर पर छापा मारा लेकिन, आरोपी फरार था। बताया कि मामला रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित करने के लिए उपजिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है।
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