जेल में बंद पति का चेहरा देखते ही गर्भवती पत्नी की मौत, 20 दिन बाद होनी थी डिलीवरी

दो साल पहले पल्लवी की गुड्डू से शादी हुई थी. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. एक दिन पति पर 307 का मुकदमा दर्ज हुआ और उसे जेल हो गई. 8 महीने की गर्भवती पल्लवी पति से मिलने जेल गई थी. वहां कुछ ऐसा हुआ कि उसकी मौत हो गई.

हत्या के प्रयास में जेल में बंद पति से मुलाकात करने गई पत्नी ने जैसे ही पति को चेहरा देखा तो वह बेहोश हो गई. आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मरा हुआ घोषित कर दिया. महिला 8 महीने की प्रेग्नेट थी और 27 जून को उसकी डिलीवरी होने वाली थी. देवर ने भाभी की मौत का जिम्मेदार पुलिस प्रशासन को ठहराया है. घटना बिहार के भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा (जेल) की है.

दरअसल, रोंगटे खड़े करने वाली यह घटना 6 जून को भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में हुई. भागलपुर के घोघा गोविंदपुर के गुड्डू यादव की शादी घोघा जानिडीह की पल्लवी यादव 2 साल पहले हुई थी. दोनों ने लव मैरिज की थी और वर्तमान में पल्लवी 8 महीने की गर्भवती थी.

गुड्डू यादव का विनोद यादव से जमीन को लेकर विवाद हो गया था. इस मामले में गुड्डू पर धारा 307 का मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसके कारण पिछले आठ महीने से वह भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में सजा काट रहा है.

मां और पेट में पल रहे बच्चे की मौत

6 जून को पल्लवी जेल में बंद पति गुड्डू से मिलने के लिए पहुंची थी. नंबर आने पर जैसे ही गुड्डू उसके सामने आया तो पल्लवी बेहोश होकर गिर पड़ी. इसके बाद आनन-फानन में उसे मायागंज अस्पताल लाया गया. यहां पर जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मरा हुआ घोषित कर दिया. पल्लवी की मौत के साथ-साथ उसकी पेट में पल रहा बच्चा भी इस दुनिया में नहीं रहा.

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27 जून की थी डिलीवरी डेट

पीड़ित परिवार के मुताबिक, पल्लवी की प्रेग्नेंसी का आठवां महीन चल रहा था. डॉक्टरों ने 27 जून की डिलीवरी डेट भी दे दी थी. मगर, उसके पहले ही यह घटना घट गई.

पुलिस की मनमानी के कारण गई भाभी की जान: विक्की यादव

गुड्डू के भाई विक्की यादव का कहना है कि पुलिस का मनमानी के कारण भाभी पल्लवी की जान गई है. दूसरे पक्ष (विनोद यादव) के पैसे लेकर पुलिस ने मेरे भाई गुड्डू को जेल भेज दिया. अगर, भैया जेल नहीं गए होते तो शायद यह नौबत नहीं आती, आज हमारा पूरा घर बिखर गया. इसके लिए सिर्फ और सिर्फ पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है.

पति ने दी मुखाग्नि

पल्लवी की मौत के बाद परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए हामी नहीं भरी. इसके बाद कानूनी लिखा-पढ़ी के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया था. अंतिम संस्कार के लिए पल्लवी का पति पुलिस की सुरक्षा में श्मशान घाट पहुंचा था. फिर उसने पत्नी की चिता को आग दी.

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