उत्तराखंड
देहरादून
solution and solution in the disposal of the services of Right to Service., The Chief Minister asked to pay attention to the speedy resolution of problems by imbibing the sense of simplification, उत्तराखंड बुलेटिन, देहरादून न्यूज़, मुख्यमंत्री ने सेवा के अधिकार की सेवाओं के निस्तारण में भी सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के भाव को आत्मसात कर समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान देने को कहा
MP Team
मुख्यमंत्री ने सेवा के अधिकार की सेवाओं के निस्तारण में भी सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के भाव को आत्मसात कर समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान देने को कहा
हमारे राज्य की कतिपय अन्य सेवाओं की भांति सेवा का अधिकार के क्षेत्र में भी देश में मॉडल राज्य के रूप में पहचान बने इस दिशा में प्रयास होने चाहिए। इसके लिए सभी विभागों को समयबद्धता के साथ अपनी सेवाओं को ऑनलाईन किये जाने पर ध्यान देना होगा: धामी
मुख्यमंत्री ने जनपदों में समय-समय पर कैम्पों के आयोजन की व्यवस्था बनाये जाने को कहा तथा प्रशिक्षण व्यवस्था को प्रभावी बनाने पर बल दिया
मुख्यमंत्री ने सेवा के अधिकार की सेवाओं के निस्तारण में भी सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के भाव को आत्मसात कर समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान देने को कहा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सेवा का अधिकार आयोग के स्तर पर संचालित कार्यक्रमों एवं प्रक्रियाओं की आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ ही शासन के उच्चाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने आयोग के कार्यकलापों एवं प्राप्त जन शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रियाओं के साथ जन सेवाओं की आम जनता तक पहुंच आसान बनाने पर बल देते हुए कहा कि हमारे राज्य की कतिपय अन्य सेवाओं की भांति सेवा का अधिकार के क्षेत्र में भी देश में मॉडल राज्य के रूप में पहचान बने इस दिशा में प्रयास होने चाहिए। इसके लिए सभी विभागों को समयबद्धता के साथ अपनी सेवाओं को ऑनलाईन किये जाने पर ध्यान देना होगा.
मुख्यमंत्री ने सेवा के अधिकार की सेवाओं के निस्तारण में भी सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के भाव को आत्मसात कर समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सेवाओं की लोगों को जानकारी हो इसके लिए हमे लोगों को इससे जोड़ना होगा। आम जनता को सभी सेवायें एक जगह पर मिल जाए इसका भी पोर्टल बनाये जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि कि समस्याओं के निस्तारण के साथ लोगों को सेवाओं से संतुष्ट किये जाने के भी प्रयास हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने जनपदों में समय-समय पर कैम्पों के आयोजन की व्यवस्था बनाये जाने को कहा तथा प्रशिक्षण व्यवस्था को प्रभावी बनाने पर बल दिया
मुख्यमंत्री ने सेवा का अधिकार आयोग के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने पर बल देते हुए कहा कि हमारी सरकार सरलीकरण,समाधान और संतुष्टि को जनसेवा का मूल मंत्र मानती है। कोई भी निर्णय लेते समय हमें जन सेवा के भाव को केन्द्र में रखना होगा। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपनी अपनी सेवाओं को त्वरित और संतुष्टि के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़े। जो लाभार्थी हैं विभागीय अधिकारी उनसे सेवा प्राप्त करने में कठिनाईयों एवं सरलता के अनुभवों पर भी वार्ता करें। साथ ही जो काम नहीं हो पा रहा हो उसके संबंध में भी आवेदक को काम नहीं होने का कारण बताये जाने तथा उसका निवारण क्या हो सकता है विभागीय ज़िम्मेदार अधिकारी इसमें आम जन का मार्गदर्शन करें। हमारी आदत होनी चाहिए कि आम आदमी को समस्या के समाधान का रास्ता भी बताया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के अधिकार में अधिक से अधिक सेवाएं जोड़ी जानी चाहिए तथा उन्हें ऑनलाईन किये जाने पर ध्यान दिया जाए। वर्तमान दौर में तकनीक का विकास जिस तेजी से हो रहा है, उसमें सेवाओं का लाभ आम जनमानस को तेजी से मिले, इसके लिए उन्हें जागरूक भी किया जाए। ऑनलाईन प्रक्रियाओं के तहत जो भी सेवाएं दी जा रही हैं, इन सेवाओं का व्यापक स्तर पर आम जन तक प्रसार भी किया जाए। लाभार्थियों के सकारात्मक अनुभवों के छोटे-छोटे वीडियो क्लिप बनाकर उन्हें प्रसारित किया जाए। इससे सेवा लेने वालों की तादात बढ़ेगी।
सेवा का अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री एस. रामास्वामी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि आयोग के गठन 2014 से 2021 तक 247 सेवायें अधिसूचित की गई। 2.14 करोड़ आवेदन निस्तारित किये गये तथा 29,152 मामले सुने गये। वर्तमान में 48 विभागों की 855 सेवायें अधिसूचित है। 2021 से मार्च 2023 तक 1.29 करोड़ आवेदनों का निस्तारण तथा 47807 मामलों की सुनवाई की गई।
उन्होंने बताया कि अपणि सरकार पोर्टल के माध्यम से वर्तमान में 400 सेवाएं ऑनलाईन दी जा रही है। जुलाई 2023 में भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड शासन और आयोग द्वारा जन-सामान्य को उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं एवं प्रयासों को सराहा गया है। राज्य सरकार द्वारा अधिनियम में संशोधन कर अपील का एक स्तर कम किया गया, द्वितीय अपील का अधिकार आयोग को दिया गया, शास्ति लगाने की शक्ति आयोग को प्रदान की गई, अपील प्रक्रिया की समयावधि में 15 दिन कम कर व्यवस्था को और अधिक सुचारू बनाया गया। नवाचार के तहत आयोग द्वारा अपणि सरकार पोर्टल के साथ एकीकृत सेवा पोर्टल का सुझाव आयोग द्वारा दिया गया, जिसे शासन द्वारा नवंबर 2021 में क्रियान्वित किया गया। शिकायत एवं सुनवाई हेतु व्यवस्था के तहत आयोग द्वारा वाट्सएप्प, टोलफ्री एवं ऑनलाईन माध्यम से शिकायत दर्ज की जाती है और शिकायतकर्ता वाट्सएप्प एवं अन्य ऑनलाईन माध्यम के द्वारा सुनवाई में भाग ले सकता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत आयोग द्वारा ऑनलाईन माध्यम से अधिकारियों/कर्मचारियों को उनके कार्यालय में ही प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष लगभग 30 प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किये जा चुके है।
आयोग में शिकायत करने की व्यवस्था हेतु व्यक्तिगत एवं डाक के माध्यम से, आयोग की वेबसाईट पर- urtsc.uk.gov.in, टोल फ्री नंबर पर – 1800-270-9818, ई-मेल के माध्यम से- secy-urtsc-uk@gov.in, आयोग में वाट्सएप्प के माध्यम से शिकायत भेजने हेतु मोबाईल नंबर- 7617579041, 7617579071 भी शिकायतें दर्ज की जा सकती है।
बैठक में सेवा का अधिकार आयोग के सदस्य श्री अनिल रतूड़ी, श्री बी.एस. मनराल, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर.के.सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री श्री शैलेश बगोली, श्री एस.एन.पाण्डे, श्री सचिन कुर्वे, डॉ बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, श्री पंकज कुमार पाण्डेय, श्री रविनाथ रामन, श्री दिपेन्द्र चौधरी, महानिदेशक शिक्षा एंव सूचना श्री बंशीधर तिवारी, आयोग के सचिव जी.सी.गुणवत्त सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद थे।
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