वैदिक सम्मेलन के शुभारंभ पर आयोजित महाराजा शोभायात्रा
वेदों के ज्ञान व पारायण के लिए नई टिहरी में पहली बार आयोजित हो रहे क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन का धूमधाम से शुभारंभ हुआ। वैदिक सम्मेलन के आगाज पर…
नई टिहरी में पहली बार आयोजित हो रहे क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन के धूमधाम से शुभारंभ का आगाज हुआ। इस वैदिक सम्मेलन के आगाज में, नगर के प्रमुख लोगों सहित महिलाएं, बच्चे, और संत भव्य शोभा यात्रा में शामिल होकर सनातन धर्म की जय हो के नारों से नई टिहरी नगर को सजाया।
इसके बाद, 27 सितंबर तक, सनातन धर्म शक्ति पीठ श्री दुर्गा मंदिर में क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। सम्मेलन के संयोजक राजेंद्र प्रसाद चमोली और अध्यक्ष सुषमा उनियाल ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य सनातन धर्म को बढ़ावा देना है और वेदों की ज्ञान को बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुँचाना है।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में 25 सितंबर को हरिद्वार सांसद और पूर्व सीएम डा रमेश पोखरियाल, 26 सितंबर को बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, और 27 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डुड़ी शामिल होंगे। सम्मेलन के माध्यम से सुषमा उनियाल ने सनातन धर्म को प्रोत्साहित करने और वेदों के ज्ञान को लोगों तक पहुँचाने का मिशन बताया है, और इसके लिए वेद विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जा रहा है। इसके अलावा, वेदपाठियों की भारी संख्या भी मौजूद होगी, जिनकी मदद से चारों वेदों का पारायण कराया जाएगा।
यह सम्मेलन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन और सनातन धर्म शक्ति पीठ श्री दुर्गा मंदिर समिति के संचालन में आयोजित होगा। इसमें चारों वेदों का पारायण होगा। इस अवसर पर संतों के रूप में महंत स्वामी शिवानंद गिरी, मुनि अभय चेतन महाराज, ब्रह्मचारी आशीष वशिष्ठ स्वरूप, ब्रह्मचारी केशव स्वरूप, और स्वामी अच्युतानंद मौजूद रहेंगे। शोभायात्रा के दौरान टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल, सम्मेलन के सचिव डॉ. उम्मेद सिंह नेगी, सह संयोजक सुशील कोटनाला, डॉ. ओम प्रकाश भट्ट, एलपी सेमवाल, त्रिलोक चंद रमोला, दाता राम भट्ट, रवि सेमवाल, सभासद विजय कठैत, पूर्व प्रमुख जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, विक्रम कठैत, खेम सिंह चौहान, चंडी प्रसाद डबराल, रवि सेमवाल, नित्यानंद बहुगुणा, भगवती प्रसाद रतूड़ी, कुलदीप पंवार, देवेंद्र नौडियाल, सतीश थपलियाल, मनोहर लाल कुड़ियाल, बीडी कुनियाल, गंगा भगत आदि वेदपाठी और साधूसंत भी मौजूद थे।
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