उत्तराखंड: डेंगू का कहर बढ़ता है, हरिद्वार अब एक दुसरा हॉट स्पॉट बन गया
उत्तराखंड में में डेंगू का प्रकोप लगातार जारी है। प्रदेश में अब तक डेंगू मरीजों को आंकड़ा 1100 के पार पहुंच गया है। मैदानी इलाकों के साथ ही अब डेंगू का डंक पहाड़ों में भी फैल रहा है। मंगलवार को प्रदेश में 80 और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक हरिद्वार में 26 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई।
317 मरीज सक्रिय
राज्य में अभी तक डेंगू के कुल 1262 मामले मिल चुके हैं। जिनमें से 932 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और वर्तमान में 317 सक्रिय मरीज हैं। वहीं डेंगू से अब तक 13 लोगों की मौत भी हो चुकी है। ये सभी मौत देहरादून जनपद में हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, देहरादून में इस सीजन में अभी तक डेंगू के सर्वाधिक 705 मामले मिले चुके हैं। इसके अलावा हरिद्वार में 217, नैनीताल में 168, पौड़ी में 119, ऊधमसिंहनगर में 27, चमोली में 15, अल्मोड़ा में पांच, रुद्रप्रयाग में चार और बागेश्वर में दो मामले मिले हैं।
हरिद्वार में सबसे ज्यादा केस
हरिद्वार में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एलाइजा जांच में 59 डेंगू संभावित मरीजों में 26 में इसकी पुष्टि हुई थी। इधर डेंगू के बढ़ते मामले को देखते स्वास्थ्य महकमा और जिला प्रशासन सतर्क है। मंगलवार को नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती के नेतृत्व में टीम ने आमजन को डेंगू के प्रति सतर्क और जागरूक करने के दृष्टिगत विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
पौड़ी जिलाधिकारी ने अधिकारियों का वेतन रोकने के दिए निर्देश
जानकारी के मुताबिक अब तक पौड़ी जिले में डेंगू के 99 मामले सामने आ चुके हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए अस्पतालों के गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें डेंगू से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में बढ़ रहे डेंगू के प्रकोप को देखते हुए पौड़ी जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। ऐसे में जिलाधिकारी आशीष चौहान ने डेंगू की रोकथाम में लापरवाही बरत रहे मलेरिया अधिकारी और श्रीनगर के नगर आयुक्त का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। मलेरिया अधिकारी ने अब तक डेंगू का डोर-टू-डोर सर्वे नहीं किया। वहीं, श्रीनगर के नगर आयुक्त ने भी शहर में फॉगिंग करवाने की जहमत नहीं उठाई. इस कारण डेंगू की रोकथाम में लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी ने एक्शन लिया है।
आइसोलेशन वार्ड भी लगभग फुल
कुल मिलाकर डेंगू का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ लगी हुई है। डेंगू मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड भी लगभग फुल हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार दावा कर रहे हैं कि डेंगू की रोकथाम के लिए हर स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए सरकारी व निजी अस्पताल प्रबंधनों को निर्देशित किया गया है। निगरानी टीम भी नियमित रूप से अस्पतालों व लैबों की जांच कर रही हैं।
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