उत्तराखंड: केंद्रीय सहायता मिलते हुए भी विभाग खाली पदों को भरने में असफल, समग्र शिक्षा प्रभावित
राज्य में समग्र शिक्षा अभियान के तहत आउटसोर्स के 1797 पदों में से 1519 पद खाली हैं। यह हाल तब है, जबकि केंद्र सरकार इन पदों पर खर्च होने वाली 90 प्रतिशत धनराशि देने को तैयार हैं, लेकिन विभाग इन पदों को नहीं भर पा रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार जहां कई विभागों में खाली पदों को भरने के लिए न सिर्फ जोर दे रही, बल्कि इसके लिए पैसा भी देने को तैयार हैं, इसके बावजूद समग्र शिक्षा में आउटसोर्स के 1519 पदों को पिछले तीन साल से भी अधिक समय से नहीं भर जा सके हैं।
इससे प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था को पहले से बेहतर बनाने की योजना पर असर पड़ रहा है। राज्य में समग्र शिक्षा अभियान के तहत आउटसोर्स के 1797 पदों में से 1519 पद खाली हैं। यह हाल तब है, जबकि केंद्र सरकार इन पदों पर खर्च होने वाली 90 प्रतिशत धनराशि देने को तैयार हैं, लेकिन विभाग इन पदों को नहीं भर पा रहा है।
अधिकतर पद सीआरपी और बीआरपी के
इससे बीआरपी के 285, सीआरपी के 670, रिसोर्स पर्सन आईईडी के 161, लेखाकार कम सपोर्ट स्टाफ के 331, डाटा एंट्री ऑपरेटर 14 और परिचारक के आउटसोर्स के 20 पद सहित कई अन्य पद खाली हैं। विभागीय अफसरों का कहना है कि इसमें अधिकतर पद सीआरपी और बीआरपी के हैं।
इन सभी पदों को भरने के लिए आउटसोर्स एजेंसी का चयन करने के साथ ही न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय की जानी है। समग्र शिक्षा के अधिकतर पद खाली होने से स्कूल स्तर पर आठ लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को केंद्र की योजना का समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा है। छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबें, स्कूल ड्रेस तय समय पर नहीं मिल पा रहीं, जबकि स्कूल स्तर से राज्य परियोजना कार्यालय को सूचनाओं का आदान प्रदान भी समय पर नहीं हो पा रहा है।
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