सनातन विरोधियों को मिलेगा पच्चीस सितंबर को रुड़की में होने वाले पुराण महासम्मेलन में जवाब
रुड़की। उत्तराखंड ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य रमेश सेमवाल ने पुरानी तहसील स्थित ज्योतिष गुरुकुलम में हुई प्रेस वार्ता में बताया कि आगामी पच्चीस सितंबर को रुड़की में अखिल भारतीय पुराण महासम्मेलन का आयोजन उनके द्वारा किया जा रहा है,जिसमें देश भर से विद्वान एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य भाग लेंगे।इसके अलावा नेपाल से भी कई विद्वानों के इस पुराण महासम्मेलन में आने की संभावना है।
प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि इस महासम्मेलन में पुराणों पर विस्तृत रूप से चर्चा होगी।उन्होंने बताया कि 18 पुराण सनातन धर्म के मुख्य आधार हैं।चार वेद हैं।पुराणों में खगोल,भूगोल, ज्योतिष,ब्रह्मांड,स्वर्ग,नरक, सदाचार,पेड़-पौधों पर वनस्पतियों का वर्णन है।यह पूरा विज्ञान है।उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे स्थान द्वारा देश व प्रदेश में साठ से अधिक ज्योतिष सम्मेलन हो चुके हैं।पुरान सम्मेलन रुड़की में होने वाला ऐसा सम्मेलन है,जिसके माध्यम से सनातन धर्म के बारे में भी सनातनियों को जानकारी मिलेगी।आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने कहा कि आज सनातन धर्म को गाली देना फैशन हो गया है।पहले सनातन धर्म को पढ़ना चाहिए।वेदों में विज्ञान है।धर्म शास्त्रों में विज्ञान है।सबको जवाब मिलेगा।पुराण सम्मेलन में हमारे धर्म ग्रंथ पूर्ण वैज्ञानिक व पौराणिक हैं।सनातन धर्म को गाली नहीं देनी चाहिए,इसमें पूर्ण विज्ञान है,अगर किसी को कोई पूछना हो तो पुराण सम्मेलन में आकर पूछ सकता है।हमारा लाखों वर्ष पुराना धर्म है।इस धर्म में श्री राम,श्री कृष्ण जैसे महान अवतार पैदा हुए।यह सब के सुख की कामना करता है।संपूर्ण मानव जाति के कल्याण की कामना करता है,जो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें इसकी पूर्ण जानकारी नहीं है।
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