1 अक्टूबर से बदल जाएंगे ये नियम, आपकी जेब पर होगा सीधा असर

कल से नया महीना शुरू हो रहा है। अक्टूबर कई महीनों में खास है, क्योंकि इस महीने के साथ ही त्योहारी सीजन का रंग दिखने लगेगा, साथ ही कुछ नए नियम भी लागू हो रहे हैं, जिनका असर सीधे आपकी जेब और आपके कागज-दस्तावेजों पर पड़ेगा। इनमें विदेश यात्रा पर TCS (tax collected at source) के नियम के साथ बर्थ सर्टिफिकेट को लेकर भी नियम बदल रहे हैं। बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन एक्ट लागू हो रहा है। इनके साथ क्या-क्या बदलाव हो रहे हैं, वो विस्तार से जान लेते है।

 

1. TCS Rule

1 अक्टूबर, 2023 से टीसीएस का नया नियम लागू हो रहा है। अब आप विदेश में अपने क्रेडिट कार्ड से अगर 7 लाख से ऊपर खर्च करते हैं तो इसपर आपको 20 फीसदी टीसीएस देना होगा। हालांकि, अगर ये खर्चे मेडिकल या एजुकेशन पर हुआ है, तो इसपर 5 फीसदी टीसीएस लगेगा। विदेश में शिक्षा के लिए लोन लेते हैं तो 7 लाख से ऊपर की लिमिट पर 0.5 फीसदी की दर से टीसीएस लगेगा।

 

2. बिना नॉमिनेशन डीमैट खाते अभी नहीं होंगे फ्रीज

सेबी ने ट्रेडिंग अकाउंट, डीमैट अकाउंट और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए 30 सितंबर तक नॉमिनेशन कराना अनिवार्य किया था। ऐसा नहीं करने वालों का खाता एक अक्टूबर को फ्रीज किए जाने की बात कही गई थी। परंतु, अब इस तारीख को आगे खिसका दिया गया है। इस कार्य को पूरा करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है।

 

3. छोटी बचत योजनाएं

अगर 30 सितंबर तक स्मॉल सेविंग्स स्कीम के मौजूदा ग्राहकों ने अपना आधार नंबर नहीं दिया तो 1 अक्टूबर 2023 को उनके अकाउंट सस्पेंड हो जाएंगे। 30 सितंबर तक Senior Citizens Savings Scheme (SCSS), Public Provident Fund (PPF), National Savings Certificate (NSC) जैसे स्मॉल सेविंग्स स्कीम या पोस्ट ऑफिस प्लान को जारी रखने के लिए आधार नंबर देना जरूरी है।

 

4. बर्थ सर्टिफिकेट

अब जन्म प्रमाणपत्र कई बातों को प्रमाणित करने के लिए एक एकल दस्तावेज होगा। अब नए नियमों के मुताबिक, जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। 1 अक्टूबर से जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 लागू हो रहा है। इस नियम के तहत बर्थ और डेथ के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो जाएगा। इसे लेकर गृह मंत्रालय ने 13 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था। प्रमाणपत्र स्कूलों में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, विवाह पंजीकरण, सरकारी रोजगार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, पासपोर्ट और आधार नंबर जारी करने सहित विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा।

 

5. 2,000 रुपये के नोट चलन से बाहर

रिजर्व बैंक ने मई में 2,000 के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी, इसके बाद अगले चार महीनों का टाइम दिया गया था कि जिन लोगों के पास ये नोट हैं, और वो बैंक में जाकर 30 सितंबर तक जमा नहीं करा पाते हैं तो आपके नोट फिर वापस नहीं हो पाएंगे। अभी आप इन नोटों को या तो बैंक जाकर अपने अकाउंट में जमा कर सकते हैं, या फिर इसके छोटे नोट निकलवा सकते हैं।

 

आने वाले समय में आपकी पेंशन न रुके और न ही चेक बाउंस हो जाए या बैंक चेक ले ही ना। इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए नीचे दिए गए 5 नियमों पर गौर करें।

 

पेंशन रूल में बदलाव

1 अक्टूबर से पेंशन रूल में बदलाव होने जा रहा है। यह नियम 80 साल से ज्यादा के पेंशनर के लिए है। 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के पेंशनर को डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की सुविधा मिलेगी। देश के अलग-अलग पोस्ट ऑफिस में 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग जीवन प्रमाण सेंटर में डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करा सकेंगे। पोस्ट ऑफिस को इसक काम के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है ताकि वे जीवन प्रमाण सेंटर से जुड़ी आईडी को एक्टिवेट कर लें। अगर आईडी बंद हैं तो 30 नवंबर तक फिर उसे चालू करा लेना है। इसी की बदौलत डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट का काम होगा

 

चेकबुक के रूल में बदलाव

1 अक्टूबर से एक साथ तीन बैंकों की पुरानी चेकबुक और एमआईसीआर में बदलाव होने जा रहा है। इन बैंकों की पुरानी चेकबुक और एमआईसीआर कोड बेकार हो जाएंगे। इन तीन बैंकों में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक के नाम हैं। ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया पंजाब नेशनल बैंक के साथ मर्ज हुए हैं। अब इन बैंकों की चेकबुक और एमआईसीआर कोड पीएनबी के हिसाब से ही चलेगा। जिन लोगों के पास पुराने बैंक की चेकबुक है या जो पुराने एमआईसीआर कोड का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे तुरंत नई चेकबुक ले लें। वरना 1 अक्टूबर से चेक से जुड़े काम नहीं हो पाएंगे।

 

ऑटो डेबिट की सर्विस बदलेगी

1 अक्टूबर से आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाले ऑटो-डेबिट का नियम बदल जाएगा इसका सख्त निर्देश रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दिया गया है। रिजर्व बैंक ने सभी मेंबर बैंकों से कहा है कि ऑटो-डेबिट के लिए ‘एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन’ का इंतजाम किया जाए।  इसका अर्थ हुआ कि ओवर द टॉप या OTT प्लेटफॉर्म के लिए मंथली पेमेंट तब तक नहीं होगा जब तक बैंकों को ग्राहकों से इजाजत न मिले। नए नियम के तहत बैंकों को 24 घंटे पहले ऑटो-डेबिट का मैसेज भेजना होगा और ग्राहक अगर मंजूरी देता है तभी पेमेंट ऑटो-डेबिट होगा। बिना मंजूरी के बैंक ऑटो-डेबिट नहीं कर सकते।

 

निवेश से जुड़े नियम बदलेंगे

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इसका निर्देश जारी किया है। इसके मुताबिक, एसेट अंडर मैनेजमेंट में काम करने वाले जूनियर इंपलॉई को म्यूचुअल फंड की यूनिट में अपनी ग्रॉस सैलरी का 10 परसेंट हिस्सा निवेश करना होगा। ठीक एक साल बाद यानी अक्टूबर 2023 से निवेश की मात्रा को 10 से बढ़ाकर 20 परसेंट कर दिया जाएगा। इसी तरह सेबी ने डीमैट अकाउंट के लिए केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है जो अक्टूबर से लागू होने जा रहा है। डीमैट खाते को आधार और पैन से जोड़ना जरूरी होगा।

 

 

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