मुख्यमंत्री धामी के भरोसेमंद IPS अफसर और Intelligence Chief अभिनव कुमार कल से लेंगे पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की जगह
कल Ashok Kumar के रिटायर होने के बाद संभालेंगे Charge:UP के योगी सरकार की तरह पहली बार Acting Police Chief: दीपम सेठ-PVK के दावों पर पड़े भारी
CM पुष्कर सिंह धामी के बेहद करीबी और भरोसेमंद IPS अफसर और Intelligence Chief अभिनव कुमार उत्तराखंड के नए Director General of Police बनाए गए हैं.30 नवम्बर को मौजूदा DGP अशोक कुमार के रिटायर होने के बाद वह उनकी जिम्मेदारी को संभालेंगे.Old Doscos (विख्यात The Doon School के पूर्व Student) अभिनव ने अपने से एक बैच आगे वाले दीपम सेठ और PVK प्रसाद के रहते Police Chief बनने की बाजी कयासों के अनुरूप जीती.उनकी Service 31 November 2033 तक है.देहरादून और हरिद्वार के SSP रहने के साथ ही खास पहलू ये है कि वह IPS बनने से पहले Journalist रह चुके हैं.India Today Magazine में नौकरी कर चुके हैं.उन्होंने दुनिया की दिग्गज Oxford University (UK) से उच्च शिक्षा ग्रहण की है.
अशोक कुमार के 3 साल तक DGP रहने और Extension की कोई सम्भावना न होने और खुद उनकी तरफ से अनिच्छा जाहिर किए जाने के बाद ये तय हो गया था कि Eligible 7 IPS अफसरों में Top-3 दीपम सेठ-PVK प्रसाद (दोनों 1995 बैच) और अभिनव (1996 बैच) में से ही उनका उत्तराधिकारी होगा.DGP के लिए Eligible IPS अफसरों के नामों का Panel UPSC को भेजा जाता है.उसमें से सुयोग्य 3 के नामों को आयोग मंजूरी दे के राज्य सरकार को लौटता है कि CM उनमें से किसी को भी DGP बना लें.
इस बार खास बात ये रही कि UPSC-केंद्र सरकार ने 25 साल की IPS Service और ADG Rank को भी DGP के लिए अर्ह मान लिया है.ऐसे में उत्तराखंड सरकार के पास अमित सिन्हा-मुरुगेशन और संजय गुंज्याल (तीनों 1997 बैच) और अजय प्रकाश अंशुमन (1998 बैच) समेत 7 Eligible चेहरे DGP के लिए हो गए थे.
Top-3 के नाम UPSC को भेजने के बजाए राज्य सरकार ने खुद ही नए Police Chief की नियुक्ति का फैसला करते हुए Acting DGP बनाने की युक्ति निकाली.इसके लिए आयोग की मंजूरी की दरकार नहीं होती है.अहम तथ्य ये भी है कि दीपम केंद्र सरकार के Deputaion पर ITBP में हैं.ऐसे में उनके Acting DGP बनने के सम्भावना कम ही थी.
UP की योगी सरकार लगातार दो पुलिस प्रमुख कार्यवाहक के तौर पर बना चुकी है.देवेन्द्र सिंह चौहान के बाद इस वक्त के DGP विजय कुमार भी कार्यवाहक ही हैं.शक्तियां और अधिकार Acting DGP के पास पूरी रहती हैं.अभिनव मूल रूप से UP Cadre के हैं लेकिन गृह महकमा शुरू से ही उनसे उत्तराखंड Cadre के अफसर की तरह बर्ताव करता रहा है.
वह जब ITBP में Deputation पर गए थे तो उनको NoC उत्तराखंड सरकार ने ही दी थी.उनके प्रोफोर्मा Promotion भी इसी सरकार ने दिया.दोनों मामलों में UP सरकार की कोई भूमिका नहीं रही.अभिनव CM पुष्कर के कितने करीबी हैं, इसको समझने के लिए इतना काफी है कि IAS Cadre के अफसरों की अनिच्छा के बावजूद उनको CMO (मुख्यमंत्री कार्यालय) में बतौर Special Principal Secretary लाया गया.
उनको इस ओहदे के साथ ही Sports-Youth Welfare महकमा भी दिया गया.कहने को ये Ex Cadre Post थी लेकिन उनके पास सचिव वाली सभी शक्तियां थीं.कोई Senior IAS अफसर उनके महकमे में नहीं था.इस कुर्सी पर बैठने वाले वह पहले IPS अफसर रहे.अभिनव के बाद अब खेल तथा युवा कल्याण महकमा IPS अफसर अमित सिन्हा बतौर विशेष प्रमुख सचिव देख रहे हैं.
ये कहा जा सकता है कि पूर्व में उत्तराखंड में कभी अपर सचिव से ऊपर नहीं जा पाए IPS अफसरों के लिए अभिनव शासन में सचिव के तौर पर राह बनाने वाले अफसर या फिर सिल्क्यारा Tunnel संकट के बाद अस्तित्व में आए लोकप्रिय शब्द Rat Hole Miners हैं.तेज तर्रार माने जाने वाले अभिनव के DGP की कुर्सी सँभालने के बाद पुलिस महकमे में फिर तबादलों के रूप में उथल-पुथल मच सकती है.
नए पुलिस प्रमुख महकमे को दुरुस्त करने के लिए CM से कुछ IPS-PPS अफसरों को इधर-उधर करने के लिए सिफारिश कर सकते है.कल (बुधवार) को DGP अशोक का विदाई समारोह Police Line में है.उसके बाद ही अभिनव उनके उत्तराधिकारी का जिम्मा संभालेंगे या फिर शाम को चार्ज लेंगे,तय नहीं है.
अपेक्षाकृत युवा DGP के लिए उत्तराखंड और ख़ास तौर पर राजधानी देहरादून समेत चारों मैदानी बड़े जिलों की क़ानून-व्यवस्था को ढर्रे पर लाना और Drugs माफिया को जेल में डालना-उनके जाल को काटना बड़ी चुनौती होगी.बतौर ADG वह Intelligence Chief थे.ये महकमा अभी भी उनके पास ही रहेगा.इसको उनसे हटाया नहीं गया है.ADG PVK प्रसाद से PAC महकमा वापिस लिया गया है.
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