बड़ी खबर: वित्त सचिव ने आगामी वर्ष के बजट प्रस्तावों पर विभागों की विस्तृत समीक्षा की है, उन्हें यह आदेश दिया गया है।
प्रदेश के वर्ष 2024-25 के बजट निर्माण की प्रकिया गतिमान है। इस संबंध में सचिव वित्त श्री दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में विभागों द्वारा प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा की गई। सचिव वित्त ने कहा कि वित्त विभाग द्वारा विभागों को 15 दिसम्बर, 2023 तक अपनी मांग वित्त विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये।
अब तक, 100 विभागाध्यक्षों के समूचे संख्या में से केवल 40 विभागाध्यक्षों द्वारा ही बजट की मांग की जा सकी है। शेष विभागाध्यक्षों ने मांग करने में संकोच किया है, क्योंकि उन्होंने अपने विभाग में स्वीकृत एवं कार्यरत पदों का विवरण नहीं भरा है। इस अवस्था में, वित्त प्रबंधन के परिप्रेक्ष्य से समर्थन की आवश्यकता होती है, और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि स्वीकृत और कार्यरत पदों का सही और पूर्ण विवरण प्रदान किया जाए। इसके बिना, वित्तीय प्रबंधन की उपेक्षा का खतरा बना रह सकता है, जिससे अपव्यय की स्थिति में सही मॉनिटरिंग संभावना नहीं है।
सचिव वित्त श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि वित्त विभाग द्वारा विगत 06 माह से स्वीकृत एवं कार्यरत पदों का डेटा एकत्रित कर उसे कोषागार के आईएफएमएस पोर्टल पर एकीकृत करने का कार्य किया जा रहा है। फिर भी विभागों द्वारा उदासीनता बरती जा रही थी। इसी आलोक में वर्ष 2024-2025 के बजट मांग करने से पूर्व यह प्रतिबन्ध लगा दिया गया था कि विभागाध्यक्ष को पहले स्वीकृत व कार्यरत पदों का सटीक व शतप्रतिशत विवरण भरना अनिवार्य है।
उन्होंने निर्देश दिये कि भविष्य में कोई भी विभागाध्यक्ष अथवा आहरण वितरण अधिकारी अपने स्तर से, यदि स्वीकृत पद के सापेक्ष तैनातियां नहीं की गयी हैं, उनका वेतन आहरित नही कर पायेगें। साथ ही वेतनमान, प्रोन्नति एंव ससमय पेंशन प्राप्त करने में अधिकारियों एवं कार्मिकों को कठिनाई न हो इस हेतु आईएफएमएस पोर्टल के माध्यम से इसकी निरन्तर समीक्षा की जायेगी।
उन्होंने बताया कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा के द्वारा अवगत कराया गया कि आठ हजार पदों की सूचना विभाग के स्तर पर संरक्षित नही होने के कारण सुलभ नही है उनके द्वारा विशेष छूट देने के लिए अनुरोध किया गया था जिसे स्वीकार नही किया गया है और उन्हें त्वरित कार्यवाही करते हुए पूर्ण व सही सूचना अविलम्ब भरने के निर्देश दिये गये। बैठक में विभागाध्यक्ष आयुर्वेद की ओर से किसी भी अधिकारी द्वारा प्रतिभाग नहीं किया गया। विभागाध्यक्ष के स्तर पर पदों की सूचना भी अंकित नहीं की गयी है। इस पर अप्रसन्ता व्यक्त की गयी। महानिदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, निदेशक ई०एस०आई०, न्याय विभाग सहित लगभग 40 विभागों द्वारा अपेक्षित कार्यवाही नही की गयी है। उन्हें त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश बैठक में दिये गये।
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