विद्यालयी शिक्षा के लिए राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का पहला ड्राफ्ट तैयार

देहरादून। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण हेतु गठित ड्राफ्टिंग कमेटी द्वारा पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण के लिए छह दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ 11 दिसंबर को शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रारंभिक निदेशालय के सभागार में किया। जबकि, शेष पांच दिन कार्यशाला अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सभागार में सम्पन्न हुई।

गठित ड्राफ्टिंग कमेटी ने पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्रथम ड्राफ्ट निर्मित किया । ये पांच महत्वपूर्ण भाग हैं  भाग ए- दृष्टिकोण, भाग बी- क्रॉस कटिंग थीम, भाग सी- विद्यालयी विषय, भाग डी- विद्यालयी संस्कृति और प्रक्रियाएं तथा भाग ई-  सहायक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण। यह पांच महत्वपूर्ण भाग विद्यालयी शिक्षा हेतु संपूर्ण पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्धारित करेंगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत 10 + 2 की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया ढांचा जारी किया गया है, जिसमें पहला सोपान जो पांच वर्षीय है दो चरणों में है। यह बुनियादी स्तर (फाऊंडेशनल स्टेज) कहलाता है, जिसके अन्तर्गत 3 वर्ष आंगनबाड़ी केन्दों द्वारा संचालित बाल बाटिका में तथा कक्षा एक और कक्षा दो विद्यालय शिक्षा के अंतर्गत संचालित किए जाएंगे। बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा- 2023 का लोकार्पण शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा 11 दिसंबर को किया गया। शेष शोपान 3 + 3 + 4 के नये ढांचा के अन्तर्गत प्रिपेरटॉरी, मिडिल तथा सेकेंडरी स्टेज के लिये जो कि कक्षा तीन से 12वीं तक का है , प्रिपेरटॉरी स्टेज में कक्षा तीन, चार, पांच, मिडिल स्टेज कक्षा 6 ,7, 8 तथा सेकेंडरी स्टेज कक्षा 9 से 12 तक के लिये एक ही पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्मित की जा रही है। जो विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा कहलाएगी।

इस पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण हेतु गठित कमेटी में एससीईआरटी, डायट, विद्यालयों के प्रधानाचार्य, विद्या भारती के विषय विशेषज्ञ, निजी विद्यालयों के विशेषज्ञ, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा आवासीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षकों के अलावा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, रूम टू रीड, लभ्या फाउंडेशन से विषय विशेषज्ञों को ड्राफ्टिंग कमेटी में सम्मिलित किया गया है।

कार्यशाला में  शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य की शिक्षा को बेहतर बनाने हेतु सुझाव दिए और कहा कि भारत की गौरवमयी परंपराओं को शिक्षाक्रम में अवश्य जोड़ा जाना चाहिये। मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून प्रदीप रावत ने ड्राफ्टिंग कमेटी को शिक्षा दर्शन के व्यापक पहलुओं से ड्राफ्टिंग कमेटी का अभिमुखीकरण किया।

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा इस तरह निर्मित की जानी होगी जो राज्य की आशाओं, अपेक्षाओं और जरूरतों पर खरा उतरे। अपनिदेशक एससीईआरटी अजय नौटियाल ने कहा कि दस्तावेज भावी जरूरतों को ध्यान में रखकर निर्मित किया जाना होगा। विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्माण स्टीयरिंग कमेंटी के अध्यक्ष राकेश चंद्र जुगरण/ प्राचार्य डायट देहरादून ने भारतीय ज्ञान परंपरा को आधार मानते हुए सभी श्रेष्ठ पारंपरिक ज्ञान नवीन वैज्ञानिक शोधों को इस दस्तावेज में सम्मिलित किये जाने की बात कही ।

उपनिदेशक एनईपी प्रकोष्ठ शैलेंद्र अमोली  ने कार्यशाला में आए सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया। अजीम प्रेमजी फाऊंडेशन देहरादून के राज्य समन्वयक अम्बरीश सिंह बिष्ट ने कहा कि उनके संस्थान का संपूर्ण सहयोग आगे भी राज्य पाठ्यचर्या के निर्माण हेतु मिलता रहेगा।

कार्यशाला अजीम प्रेम जी फाउंडेशन देहरादून के गंगा व यमुना सभागार में आयोजित की गयी। संस्थान के राज्यप्रमुख शोभन सिंह नेगी  का भी विद्यालय शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्माण में निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ समापन अवसर पर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन देहरादून रूम टू रीड संस्था, और लभ्य फाउंडेशन और समस्त प्रतिभागियों जिन्होंने राज्य पाठ्य चार्य की रूपरेखा निर्माण में प्रतिभा किया सभी का  आभार प्रकट किया गया।

कार्यशाला में हिमानी बिष्ट, सुनीता भट्ट, सुनील जोशी, कैलाश डंगवाल, सोहन सिंह नेगी, सुनील भट्ट, सुनीता बडोनी, संध्या कठैत, वीर सिंह रावत, धनंजय उनियाल, दीप माला रावत, सहित सभी प्रतिभागियों के अलावा एन ई पी प्रकोष्ठ से समन्वयक मनोज किशोर बहुगुणा , कामाक्षा मिश्रा व सचिन नौटियाल का निरंतर सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ ।

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