उत्तराखंड सरकार ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद को राजपत्रित अधिकारी की प्रतिष्ठा प्रदान की, वेतन वृद्धि में रोक लगाई राजस्व उपनिरीक्षकों की कड़ी कार्रवाई
धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने मिनिस्टीरियल संवर्ग के ‘मुख्य प्रशासनिक अधिकारी’ पद को राजपत्रित अधिकारी की प्रतिष्ठा प्रदान की है। मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी, जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यवस्था में शीघ्र बदलाव किए जाने का आश्वासन दिया था। इसी क्रम में राज्य शासन की ओर से इस बाबत गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि राज्यपाल की स्वीकृति के उपरांत सचिव शैलेश बगोली की ओर से इस आशय के आदेश आज जारी कर दिए गए हैं। आदेश में उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन की मांग के अनुसार राज्य सरकार ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि कुल 25 वर्ष के स्थान पर 22 वर्ष करने का भी गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
राजस्व उपनिरीक्षकों की वेतन वृद्धि पर रोक
वहीं मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अंकिता हत्याकांड में हीलाहवाली बरतने वाले तहसील यमकेश्वर के उदयपुर पल्ला- दो और अजमेर पल्ला- तीन के राजस्व उपनिरीक्षकों की वेतन वृद्धि पर तीन साल की रोक लग गई है। डीएम पौड़ी ने इस संबंद्ध में आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही डीएम ने उक्त राजस्व उपनिरीक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई समाप्त करते हुए सवेतन सेवा बहाली का आदेश जारी किया है।
बताया जा रहा है कि दोनों राजस्व उपनिरीक्षकों को अंकिता हत्याकांड में प्रभावी कानूनी कार्रवाई नहीं करने, अंकिता के परिजनों की ओर से दी गई तहरीर पर एफआईआर दर्ज नहीं करने, दायित्व व विभागीय कार्यों के प्रति लापरवाही के आरोप में वर्ष 2022 में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
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