भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और मंत्री अग्रवाल ने ऋषिकेश में आयोजित लोहड़ी कार्यक्रम में बांधी सांगीतिक धुनें, बधाइयां एक-दूसरे को दी
ऋषिकेश – उत्तरांचल पंजाबी महासभा ऋषिकेश की ओर से लोहड़ी पर धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने लोहड़ी जलाकर एक दूसरे को बधाइयां दी। इस दौरान पंजाबी गायक जस्सा बिट्स, गायिका मोनिका और जूनियर हनी सिंह ने गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।
बीती देर रात्रि नगर निगम परिसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि लोहड़ी का त्योहार की एक अलग धूम ही होती है । इसे हर्षोल्लास का त्योहार कहा गया है। उन्होंने कहा कि सिख समाज के लिए लोहड़ी पर्व विशेष महत्व रखती है। लोहड़ी की संध्या को आग जलाकर सभी लोग उसके चारों ओर चक्कर काटते हुए नाचते गाते हैं इस दौरान अग्नि देव का आभार प्रकट करने के लिए आग में रेवड़ी, मूंगफली, खिल, मकई के दानों की आहुति दी जाती है। जिस घर में कोई भी शुभ कार्य होता है वहां लोहड़ी को और भी धूमधाम से मनाया जाता है।
मंत्री डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि नई फसल के आगमन के उपलक्ष में मनाया जाने वाला यह लोहड़ी का पर्व भारत की उल्लास पूर्ण और रंग बिरंगी संस्कृति का परिचायक है। कहा कि नव ऊर्जा और नए संकल्प के साथ यह उत्सव हमारी परंपराओं एवं मान्यताओं को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हमें समाज में समरसता और सौहार्द कायम रखने के साथ ही प्रदेश की सुख समृद्धि में सहभागी बनने का संकल्प लेना होगा।
इस दौरान पंजाबी गीतों की प्रस्तुति दी गई। जिसमें दर्शकों को नाचने पर मजबूर किया। इस दौरान विधायक कैंट सविता कपूर, निवर्तमान मेयर अनिता ममगाई, पंजाबी महासभा के अध्यक्ष केके लाम्बा, महामंत्री प्रदीप कोहली, कार्यक्रम संयोजक प्रतीक कालिया, कमलकांत मलिक, प्रदेश उपाध्यक्ष पंजाबी महासभा सुभाष कोहली, भाजपा जिला अध्यक्ष रविंद्र राणा, योगेश पाहवा, नवल कपूर, सतीश सिंह, संदीप मल्होत्रा, शिवकुमार गौतम, विशाल कक्कड, महंत लोकेश दास, हरीश आनंद, राजीव कालड़ा, दीपक धमीजा, मदन मोहन नागपाल, जयंत शर्मा, अजय कालड़ा, चंद्रभूषण जैन, दीप शर्मा, सरदार गुरविंदर सिंह, आशु डंग, सुरेंद्र कक्कड़, प्रिंस मनचंदा, अविनाश भारद्वाज, रमेश अरोड़ा सहित सैकड़ो की संख्या में सिख समुदाय के लोग उपस्थित रहे।
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