एसजीआरआरयू में आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक फैस्ट: सांस्कृतिक संध्या में हेमा नेगी करासी और शुगर राॅक बैंड की धमाकेदार प्रस्तुतियाँ
देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में जैनिथ 24 के दूसरे दिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस सांस्कृतिक संध्या में उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी और दिल्ली के लोकप्रिय शुगर राॅक बैंड ने अपनी धमाकेदार प्रस्तुतियों से आत्मा को भर दिया।
एसजीआरआरयू के प्रांगण में गीत-संगीत का महौत्सव छात्र-छात्राओं को देर रात तक आत्मा में उत्साह भरा रहा। पूरे कार्यक्रम के दौरान एसजीआरआरयू के कुलपति प्रोफेसर डॉ. यशबीर दीवान और कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खण्डूडी ने छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) के खेल मैदान में आयोजित फेस्ट के दूसरे दिन, हेमा नेगी करासी ने नृसिंह जागर के साथ देवताओं का आह्वान कर कार्यक्रम की शुरुआत की और पूरे परिसर में उत्तराखंड देवभूमि की विशेषता को उजागर किया। हेमा करासी ने गिरी गेंदुवा, मेरी बामणी, भलो लगद मेरो मुलुक, चैत की चैत्चाली, पधानों की नौनी लक्षिमा… जैसे कई उत्कृष्ट लोक गीतों का प्रस्तुतीकरण किया। छात्र-छात्राओं के साथ, फैकल्टी सदस्यों ने भी गढ़वाली धुनों पर उत्साह से ठुमके लगाए।
लोक गायिका और जागर गायिका हेमा नेगी करासी ने जय बदरी विशाल की स्तुति के बाद जाग नंदा ह्यूं का हिंवाला, जाग नंदा ऊंचा हिंवाला.. गीत से पूरे पंडाल को नंदामय बना दिया। हेमा नेगी के मां नंदा के गीत पर पूरा पंडाल झूम उठा। इसके बाद गिर गेन्दुवा.., कंचनी कैलाशों, अमराऋबान, मेरी बामणी, गुडडू का बाबा, भीमू हे , मोहना गेल्या, गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। गीत शुरू होने से पहले पांडाल में आए हजारों छात्र-छात्राओं ने कलाकारों का गर्मजोशी के साथ उत्साहवर्धन किया। पूरा खेला मैदान छात्र-छात्राओं से ठसाठस भरा रहा। देर रात तक दर्शक हेमा नेगी के गीतों पर थिरकते रहे।
वहीं प्रसिद्ध शुगर राॅक बैंड ने अपनी प्रस्तुतियों से युवाओं को नए पुराने तरानों की धूनों पर जमकर डांस करवाया। छात्र -छात्राओं ने इस अवसर पर अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन भी किया। इस सांस्कृतिक संध्या में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रैंप वॉक के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों की झलक पेश की।
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