Fatty Liver Disease: सांसों से आती बदबू को न करें अनदेखा, लिवर की गंभीर बीमारी का हो सकता है संकेत

लिवर को शरीर का पावरहाउस कहा जाता है, बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में इस अंग का विशेष योगदान माना जाता है। लिवर, प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और पित्त के उत्पादन से लेकर विटामिन, खनिजों और कार्बोहाइड्रेट के भंडारण जैसे आवश्यक कार्य करता है। इस अंग में होने वाली बीमारी या किसी भी तरह की समस्या का असर मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकता है जिसके कारण टाइप-2 डायबिटीज और मोटापा जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर शराब के सेवन को लिवर की सेहत के लिए विशेष नुकसानदायक माना जाता है, हालांकि फैटी लिवर जैसी बीमारियां उन लोगों को भी हो सकती हैं जो अल्कोहल का सेवन नहीं करते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लिवर में लगातार वसा के संचय के कारण  फैटी लीवर की स्थिति हो सकती है। शराब पीने वाले लोगों के साथ हाई कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, स्लीप एपनिया, अंडरएक्टिव थायरॉयड जैसी समस्याओं के शिकार लोगों में भी फैटी लीवर डिजीज का खतरा अधिक होता है। ज्यादातर मामलों में इस बीमारी की शुरुआती स्थिति में कोई प्रमुख लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि समय रहते इसके लक्षणों की पहचान और रोग का इलाज आवश्यक होता है। फैटी लीवर डिजीज पर ध्यान न देने के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि सांस में बदलाव के आधार पर किस तरह से इस समस्या का पता लगाया जा सकता है?

फैटी लीवर डिजीज के सामान्य लक्षण
फैटी लीवर डिजीज के कारण लिवर का सामान्य कार्य प्रभावित हो जाता है, इसके अलावा कुछ लोगों में इससे संबंधित जटिलताएं भी विकासित हो सकती हैं। गंभीर स्थितियों में लिवर स्केरिंग या लिवर फाइब्रोसिस की भी समस्या हो सकती है। इन सामान्य लक्षणों को लेकर भी लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है।
  • पेट में दर्द विशेषकर ऊपरी दाहिने हिस्से में।
  • मतली, भूख न लगना या वजन कम होना।
  • त्वचा का पीलापन  (पीलिया)।
  • पेट और पैरों में सूजन (एडिमा)।
  • अत्यधिक थकान या मानसिक भ्रम की स्थिति।
  • दुर्बलता और कमजोरी।

फैटी लिवर डिजीज में ‘बैड ब्रीथ’ की समस्या
अध्ययनों से पता चलता है कि फैटी लीवर डिजीज के अन्य लक्षणों के साथ इससे ग्रसित लोगों को गंध से संबंधित कुछ लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए। फैटी लीवर डिजीज में लोगों को बैड ब्रीथ जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है, इसे फेटोर हेपेटिकस के रूप में भी जाना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इसके कारण लोगों को मुंह से सड़े हुए अंडे और लहसुन के मिश्रण की तरह गंध का अनुभव होता रह सकता है, हालांकि यह बैड ब्रीथ, ओरल हाइजीन या दांतों में दिक्कतों से संबंधित नहीं है। मुंह को अच्छी तरह से साफ रखने के बाद भी इस तरह की बैड ब्रीथ का महसूस होना लिवर की बीमारियों का संकेत हो सकता है।

क्यों आती है मुंह से बदबू?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, लिवर सामान्यतौर पर रक्त को फिल्टर करके उससे अपशिष्टों को निकाल देता है, हालांकि फैटी लीवर डिजीज में रक्त फिल्टर नहीं हो पाता है। लिवर के ठीक से काम न कर पाने की स्थिति में विषाक्त पदार्थ श्वसन प्रणाली सहित शरीर के अन्य भागों में पहुंचने लगते हैं। इसके कारण आपकी सांसों से बदबू आ सकती है। सांस लेते और छोड़ते समय आप इसे आसानी से अनुभव कर सकते हैं।

 

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