कुंडली में चतुर्थ भाव से जमीन_प्राँपर्टी_विचार करे।

 

कुंडली में चतुर्थ भाव से जमीन_प्राँपर्टी_विचार करे।

मकान सुख आदि एक अलग बात है।
जीवन में हमे जमीन ,प्रोपर्टी जितनी ज्यादा मिल जाये उतना ही ज्यादा शक्तिशाली स्थिति सामाजिक रूप से बन जाती है, ज्यादातर लोग धन भी जमीन प्रोपर्टी में निवेश करके रखते है आज इसी विषय पर बात करते है कि कितनी जमीन/सम्पत्ति(प्रोपर्टी) बन पायेगी, कितनी सम्पत्ति, जमीन प्रोपर्टी के मालिक बन पायेगे?
कुंडली का चौथा भाव जमीन, सम्पत्ति( प्रोपर्टी) का है तो मंगल प्रोपर्टी जमीन का सुख देने वाला ग्रह है।
अब जब चौथा भाव और इसका स्वामी बलवान होगा और शुभ बलि मंगल से चौथे भाव या चौथे भाव स्वामी का संबंध होगा तब अच्छी खासी जमीन, सम्पत्ति(प्रोपर्टी) जैसे दुकान मकान जमीन आदि जातक को मिल जायेगी ,अच्छी प्रोपर्टी रहेगी।अब ऐसी स्थिति बलवान मंगल और चौथे भाव/चौथे भाव स्वामी की होने पर ,चौथे भाव या चौथे भाव स्वामी जितना ज्यादा राजयोग की स्थिति में होगा, बड़े विस्तार देने वाले गुरु शुक्र सूर्य ,शुभ योगो में होगा उतना ही अच्छी जमीनों का स्वामी, मकान प्रोपर्टी आदि अच्छी मिलेगी चाहे कैसे भी मिले, मंगल जितना ज्यादा बलवान राजयोग बने चौथे भाव या चौथे भाव स्वामी को सहयोग करेगा उतनी ज्यादा से ज्यादा करोड़ो रुपये की प्रोपर्टी ,जमीन आदि का स्वामी व्यक्ति का बनना तय है।अब कुछ उदाहरणों से समझते है कैसे कोई भी जातक या जातिका अच्छी खासी सम्पत्ति, जैसे जमीन, दुकानों , आलिशान मकानों आदि प्रोपर्टी का मालिक बनना तय है?
उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1
मेष लग्न में चौथे भाव का स्वामी चन्द्रमा बनता है अब यहाँ चन्द्रमा बलवान हो और मंगल भी बलवान हो जैसे मंगल यहाँ दसवे भाव में बैठा हो साथ ही चौथे भाव स्वामी चन्द्र का संबंध भी मंगल से बने तब अपार जमीन, मकान भूमि मालिक व्यक्ति बनेगा, लोगो बेचेंगे और व्यक्ति कम दामो पर खरीदकर उसका स्वामी बन जायेगा, क्योंकि यह प्रोपर्टी योग है जो की मिलना यह फल तय है।
प्रोपर्टी से अधिक लाभ
कर्क_लग्नमें चौथेभाव का स्वामी शुक्र बनता है और मंगल इस लग्न में योगकारक होकर बेहद शुभ होता है अब शुक्र का संबंध यहाँ बलवान मंगल से किसी अच्छे भाव जैसे ग्यारहवे भाव में हो जाये तब ऐसे जातक/जातिका के पास प्रॉपर्टी, जमीन बहुत ज्यादा रहेगी, कई सारी प्रॉपर्टी जमीन स्वामी व्यक्ति बना रहेगा साथ ही यह सबन्ध 11वे भाव (लाभ भाव)में होने से प्रोपर्टी बढ़ती जायेगी और जातक को निरंतर प्रोपर्टी का लाभ होगा।
धनु लग्न कुंडली में चौथे भाव स्वामी गुरु होता है अब गुरु यहाँ किसी बड़े राजयोग में हो जैसे गुरु यहाँ भाग्य स्वामी सूर्य और लाभ स्वामी शुक्र के साथ सम्बन्ध में बैठे और मंगल बलवान हो तब अच्छी खासी जमीन ,जायदाद बनेगी , बड़ी मात्रा में अच्छी प्रोपर्टी रहेगी, कई प्रोपेर्टीया व्यक्ति के नाम , आदि पर रहेगी। इस तरह चौथा भाव इस भाव का स्वामी साथ ही प्रोपर्टीज कारक मंगल कितनी प्रोपर्टी, जमीन के स्वामी आप रहेंगे, कितने बड़े जमीदार रहेंगे, और प्रोपर्टीज कहाँ कहाँ कैसी रहेगी, किस जगह पर जैसे की बढ़िया जगह पर या सामान्य जगह पर ,जिस जगह की कीमत और वैल्यू ज्यादा होगी उस जगह जमीन प्रापर्टी आदि रहेगी या कैसी जगह पर?।

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