देवभूमि में शुरू हुआ ‘‘घरैकि पहचाण चेलिक नाम’’ अभियान

देवभूमि में शुरू हुआ  ‘‘घरैकि पहचाण चेलिक नाम’’ अभियान

देवभूमि में आज से एक नए अभियान की शुरुआत हो गयी है। परम्परागत रीति को नई दिशा देते हुये समाज के सृजन के उददेश्य से बालिकाओं  को अधिक सम्मान देते हुये ‘‘घरैकि पहचाण चेलिक नाम’’ कार्यक्रम की अभिनव शुरूआत देवभूमि में हुई जिसका आगाज़ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया …..   इस परंपरा के तहत परिवार की सबसे छोटी बेटी के नाम पर उस घर की पट्टिका लगाई जाएगी, ताकि घर की पहचान बिटिया के नाम पर हो सके। प्रथम चरण में इस नई परंपरा की शुरुआत नैनीताल जिले की नैनीताल नगरपालिका से की गयी और जिले के सभी विकासखंडों का एक-एक ग्राम चयनित किया गया है। सबसे अहम बात यह है कि पट्टिका में बेटी के नाम की पट्टिका बनाए जाने में ऐपण कला का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे स्थानीय कला को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यह छोटी सी कोशिश एक दिन अभियान बनेगी और हर घर का नाम बेटी के नाम पर होगा। हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने महिलाओं को पति की पैतृक संपत्ति में सहखातेदार का अधिकार दिया है। इससे महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बैंक से लोन मिल सकेगा और वे स्वावलंबी बन सकेंगी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए हमें महिलाओं को समान अधिकार और समान अवसर देने होंगे। हमारी सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक, मानसिक के साथ ही शारीरिक दृष्टि से भी सशक्त बनाया जा रहा है। उनके सम्मान में कोई कसर बाकी नहीं रखी जायेगी। समारोह में कई महिलाओं को उनके बेटी के नाम की पट्टिका घर पर लगाने के लिए मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदान की।

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मुख्यमंत्री  ने कहा कि रूरल ग्रोथ सेंटर्स के आज बहुत अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। आज हमने उन ग्रोथ सेंटर्स के लिए स्वयं सहायता समूहों से 5 लाख रूपए तक की खरीदारी सरकार द्वारा किए जाने का निर्णय हुआ है। हम इन समूहों को 5 लाख रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें नौकरी की मानसिकता से हटना होगा। इसके लिए हमारी सरकार ने स्वरोजगार सृजित करने का कार्य किया है। इसी के तहत स्वरोजगार योजना, सोलर स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना, घसियारी योजना, युवाओं के लिए मोटर बाइक टैक्सी, पिरूल से बिजली उत्पादन योजना आदि संचालित की जा रही है ताकि हम अपने पैरों पर खड़े हो सकें

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