मून मिशन: रूस लाया धूल, चीन ने उगाए आलू, भारत को मिले पानी के सबूत; जानें- अब तक किसे क्या मिला?
Chandrayaan 3: बीते 7 दशकों में चंद्रमा पर 111 मिशन हुए. 66 पास हुए और 41 फेल हो गए. 8 को आंशिक सफलता मिली. चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए 38 बार कोशिश हुई, 52% ही सफलता मिली. अमेरिका, रूस (USSR) और चीन 3 देश हैं, जो सॉफ्ट लैंडिंग कराने में कामयाब हुए.
नई दिल्ली: भारत का तीसरा मून मिशन (India Lunar Mission) चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेश (ISRO) बुधवार शाम 6:04 बजे चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराएगा. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. इससे करीब 1 महीने बाद 11 अगस्त को रूस ने लूना-25 लॉन्च किया. इसके जरिए रूस ने 47 साल बाद चांद पर सफर शुरू किया था. 21 अगस्त को इसकी सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी, लेकिन ये स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो गया. भारत और रूस के बाद अमेरिका और चीन ने भी चांद पर स्पेसक्राफ्ट उतारने के लिए मिशन शुरू किए हैं.
चांद पर पहुंचने की ये रेस 7 दशक पुरानी है. अब तक अमेरिका (US), रूस (USSR), चीन और भारत ही मिशन मून में कामयाब रहे हैं. आइए जानते अब तक इन चार देशों ने मिशन मून पर क्या हासिल किया:-
बीते 7 दशकों में चंद्रमा पर 111 मिशन हुए. 66 पास हुए और 41 फेल हो गए. 8 को आंशिक सफलता मिली. चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए 38 बार कोशिश हुई, 52% ही सफलता मिली. अमेरिका, रूस (USSR) और चीन 3 देश हैं, जो सॉफ्ट लैंडिंग कराने में कामयाब हुए.
चांद पर अब तक रूस (तब USSR) का सफर:-
- रूस का लूना-2 मून मिशन के लिए दुनिया का सबसे पहला अंतरिक्ष यान था. इसे 12 सितंबर 1959 को लॉन्च किया गया.
- 3 फरवरी 1966 में लूना-9 चांद पर उतरने वाला पहला मिशन था. लूना के दो मिशन चंद्रमा की सतह से नमूने लेकर भी वापस आए.
- रूस ने 1976 में लूना-24 मिशन भेजा था. लूना-24 चांद की करीब 170 ग्राम धूल लेकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस पहुंचा था.
- इसके 47 साल बाद रूस ने 11 अगस्त को लूना-25 को चांद के सफर पर भेजा था. लूना को 21 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड होना था. इससे पहले ही ये रविवार को क्रैश हो गया.
- चांद को छूने के लिए रूस ने 33 मिशन भेजे. इनमें से 26 फेल हुए.
चांद पर अब तक अमेरिका का सफर:-
- अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के अपोलो-11 के जरिए पहली बार किसी इंसान ने चांद पर कदम रखा. 20 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन चांद पर उतरने वाले क्रमश: पहले और दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने थे.
- Apollo 17 NASA के अपोलो प्रोग्राम का दूसरा मिशन था. इसे 7 दिसंबर 1972 को लॉन्च किया गया था. 19 दिसंबर 1972 को यह धरती पर वापस आया. रात में लॉन्च होने वाला यह पहला मिशन था.
- अमेरिका ने चांद पर 31 मिशन भेजे, जिनमे से 17 फेल हुए.
चांद पर अब तक चीन का सफर:-
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- चीन ने चांद से जुड़ा अपना सबसे पहला मिशन 2007 में लॉन्च किया था. चीन ने अब तक पांच Chang’e मिशन लॉन्च किए हैं.
- चीन ने इस प्रोग्राम में चांद का चक्कर लगाने वाले ऑर्बिटर, उस पर उतरने वाले लैंडर और रोवर लॉन्च किए.
- चीन ने 2007 में पहला ऑर्बिटर लॉन्च किया था. दूसरा ऑर्बिटर चीन ने 2010 में लॉन्च किया था.
- 1 दिसंबर 2013 को चीन के अंतरिक्ष यान चांग’ई-3 ने चांद की सतह पर पहली बार सॉफ्ट लैंडिंग की.
- वहीं, चांग’ई-4 के जरिए चीन 7 दिसंबर 2018 को दूसरी बार चांद पर उतरा.
- चांग’ई-4 के जरिए चीन चांद के पिछले हिस्से पर उतरने वाला पहला और एकमात्र देश बना. चांग’ई-4 मिशन का लैंडर अभी भी काम कर रहा है.
- चांग’ई-4 के साथ चीन ने एक बॉक्स भेजा था, जिसे लूनर माइक्रो इकोसिस्टम कहते हैं. इसमें कपास और आलू समेत कई बीज थे. चीन के भेजे यह बीज चांद पर अंकुरित हुए.
- चांग’ई-5 मिशन को 2020 में लॉन्च किया गया था, जो चांद के चट्टान का 1731 ग्राम अपने साथ वापस लाया.
चांद पर अब तक भारत का सफर:-
- भारत ने 22 अक्टूबर 2008 को अपना पहला चंद्रयान मिशन लॉन्च किया
- चंद्रयान-1 ने चंद्रमा की सतह पर पानी खोजा और इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज करा लिया.
- साल 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च हुआ. सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते चंद्रयान-2 की क्रैश-लैंडिंग हो गई थी.
- चंद्रयान-2 के फेल होने के 4 साल बाद इसरो ने 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 लॉन्च किया. इसके 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी.
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