जीवन में खेल का शिक्षा जितना महत्व, खेलने से जीवन में अनुशासन आता हैः रेखा आर्या

उत्तराखंड की खेल और युवा मामले विभाग की मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि जीवन में जितना महत्व शिक्षा का है, उतना ही महत्व खेल का भी है, खेल से जहां हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, वहीं खेल हमें जीवन में अनुशासन और टीम भावना सिखाता है।

 

देहरादूनः उत्तराखंड की खेल और युवा मामले विभाग की मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि जीवन में जितना महत्व शिक्षा का है, उतना ही महत्व खेल का भी है, खेल से जहां हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, वहीं खेल हमें जीवन में अनुशासन और टीम भावना सिखाता है।

देहरादून में ‘दून एथलेटिक्स एसोसिएशन’ के 75 वर्ष पूर्ण होने पर विश्व विख्यात ‘दून स्कूल’ द्वारा आयोजित वार्षिक मीट कार्यक्रम में, राज्य की खेल मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने यह कहा कि शिक्षा का महत्व हमारे जीवन में जितना अधिक है, उतना ही महत्व खेल का भी है। उन्होंने व्यक्त किया कि आज खेल हमें वह सब प्राप्त करवाता है, जिसका हम सपना देखते हैं। खेल के माध्यम से हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ, यह हमें जीवन में अनुशासन और टीम काम करने का आदर्श भी प्रदान करता है।

16_35_365243527ee-3 जीवन में खेल का शिक्षा जितना महत्व, खेलने से जीवन में अनुशासन आता हैः रेखा आर्या

वहीं रेखा आर्या ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से किया। उन्होंने एसोसिएशन को अपने शानदार 75 वर्ष पूर्ण करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान, विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने मार्च पास्ट किया। साथ ही उपस्थित स्कूलों के मध्य आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं मे विजय प्राप्त करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया। उन्होंने एथलेटिक्स एसोसिएशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप लोगों ने इस संस्था को आज इस मुकाम पर लाने के लिए जितना संघर्ष किया और प्रदेश को विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदकों से विभूषित किया, उसके पीछे आप सभी की मेहनत है। मुझे लगता है कि कम से कम दो पीढ़ियां तो इसमें लग ही गई है। इसे इतनी ऊंचाई दीजिए कि यह अगली आने वाली पीढ़ियों के सपनों को साकार करने में यह महत्वपूर्ण सिद्ध हो।

साथ ही खेल मंत्री ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हमारे युवाओं में खेल के प्रति जो समर्पण है, उसी का नतीजा है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री जी ने भी अपने वक्तव्य में एशियाई खेलों में उत्तराखंड के योगदान को सराहा था। उन्होंने कहा कि आपके जीवन में शिक्षा जितना महत्व रखती है, खेल भी उतना ही महत्व रखता है। खेलने से शरीर और मन तो स्वस्थ्य होते ही है, अनुशासन और टीम भावना भी उत्पन्न होती है।

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