साहस शील ह्रदय में भर दे, जीवन त्याग तपोमय कर दे – भावना पांडे

साहस शील ह्रदय में भर दे, जीवन त्याग तपोमय कर दे –  भावना पांडे

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तीसरा विकल्प की राष्ट्रीय संयोजक भावना पांडे ने दी देश प्रदेश को शुभकामनायें 

 

आज 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी मनाई जा रही है. आइए जानते हैं बसंत पंचमी को देवी सरस्‍वती की आराधना के लिए खास मानी जाने वाली ये वंदनाएं और मंत्र… वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्‍वती का प्राकट्य दिवस माना जाता है. प्रत्येक साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. आज 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी मनाई जा रही है…..
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा
अर्थ: जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं. जिनके हाथ…  वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है. ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली मां सरस्वती हमारी रक्षा करें…..

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तीसरा विकल्प की राष्ट्रीय संयोजक भावना पांडे ने दी
देश प्रदेश को शुभकामनायें 

इस शुभ दिन देश प्रदेश की जनता को शुभकामना देते हुए तीसरा विकल्प की संयोजक और राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली भावना पांडे ने कहा कि आज का दिन सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हुए नई शुरुआत करने का है। मन वचन और कर्म से अपने समाज को नव निर्माण और नए विकल्प से जोड़ना ही हम सबका कर्तव्य है।

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आज से होती है नए उमंग उल्लास और बासंती ऋतु का आगाज़ 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वसंती पंचमी हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इसका पूजा मुहूर्त सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है। यह दिन देवी सरस्वती को समर्पित होता है। इस दिन सरस्वती माता की पूजा की जाती है। यह त्यौहार विद्यार्थियों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। क्योंकि मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है। साथ ही कहा जाता है कि जिस जोड़े की शादी का मुहूर्त न निकल रहा हो वो इस दिन बिना मुहूर्त निकलवाए शादी कर सकते हैं।
इस दिन स्कूल, कॉलेज, दफ्तर आदि संस्थानों में देवी सरस्वती की प्रतिमाएं बैठाई जाती हैं। इस दिन एक-दूसरे को वसंती पंचमी की बधाई दी जाती है।

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