हाट कालिका और पाताल भुवनेश्वर गुफा को जोड़ने वाला पुल हुआ तैयार
हाट कालिका और पाताल भुवनेश्वर गुफा को जोड़ने वाला पुल हुआ तैयार
पिथौरागढ़: विगत सत्रह वर्षो के संघर्ष के बाद जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से सिद्धपीठ हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट और प्रमुख पाताल भुवनेश्वर गुफा तक का मार्ग सहज होने के कगार पर है। राम गंगा नदी पर दो स्थानों पर पुल बनते ही जिले के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाला धार्मिक पर्यटन सर्किट तैयार हो जाएगा।
जिले में सर्वाधिक पर्यटक पाताल भुवनेश्वर गुफा के दर्शन को आते हैं। जिसमें देशी सहित विदेशी पर्यटक र रहते हैं। पाताल भुवनेश्वर से निकटवर्ती क्षेत्रों में स्थित है गंगोलीहाट की सिद्धपीठ हाट कालिका मंदिर और रामगंगा नदी के दूसरी तरफ न्याय की देवी चंडिका मंदिर। इन दोनों मंदिरों में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। अभी तक तीनों स्थलों को जोड़ने के लिए मार्ग नहीं होने से भक्तों को दो दिन का समय और लंबी थकान भरी यात्रा करनी पड़ती है।
तीनों मंदिरों को धार्मिक पर्यटन सर्किट से जोड़ने के लिए पूर्व पालिकाध्यक्ष एवं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री जगत सिंह खाती ने लंबा संघर्ष किया। उनके संघर्ष के बाद पिथौरागढ़ से आंवलाघाट होते हुए गंगोलीहाट , दशाईथल तक सड़क की स्वीकृति मिली।
वन भूमि से निस्तारण में लग गए 15 वर्ष डेढ़ दशक से अधिक समय तक वन विभाग का रोड़ा रहा। सड़क के लिए संघर्ष जारी रहा। अंतत संघर्ष की जीत हुई । पिथौरागढ़ से आंवलाघाट तक 32 किमी सड़क और दूसरी तरफ रामगंगा नदी से दशाई थल 22 किमी सड़क लगभग पूरी हो चुकी है। इस सड़क के बनने से पिथौरागढ़ से गंगोलीहाट की 77 किमी की दूरी घट कर मात्र 51 किमी रह जाती है। पाताल भुवनेश्वर की वर्तमान दूरी 91 किमी से घटकर 65 किमी रह जाती है।
बेरीनाग की तरफ से रामगंगा तक सड़क तैयार दूसरी सड़क जो चंडिका घाट को पाताल भुवनेश्वर से जोड़ती है झूणी तक बन चुकी है। मात्र चार किमी सड़क कटनी शेष है। दूसरी तरफ पाताल भुवनेश्वर की तरफ से चंडिका मंदिर के पास रामगंगा नदी पार तक पहुंच चुकी है।
आंवलाघाट और चंडिका घाट पर बनने हैं पुल दोनों सड़कों के लिए आंवलाघाट और चंडिका घाट में 80 -80 मीटर स्पान के मोटर पुल स्वीकृत हो चुके हैं। इन पुलों के बनते ही तीन धार्मिक स्थल जुड़ कर जिले में सबसे सरल और सहज धार्मिक पर्यटन सर्किट अस्तित्व में आने के करीब है।
एक दिन में ही चार धार्मिक स्थलों के होंगे दर्शन एक दिन में ही पर्यटक पिथौरागढ़ से हाट कालिका, पाताल भुवनेश्वर, प्रमुख पर्यटक स्थल चौकोड़ी, न्याय की देवी पांखू का कोटगाड़ी मंदिर और न्याय की देवी चंडिका मंदिर के दर्शन कर वापस पिथौरागढ़ लौट सकता है। इस सड़क के लिए संघर्ष कर रहे जगत सिंह खाती ने क्षेत्र का भ्रमण किया। जनता ने उनके सम्मुख जल्द पुल निर्माण की मांग रखी।
आंवलाघाट और चंडिका घाट में पुलों के रेट रिवाइज हो रहे हैं। रेट रिवाइज होते ही पुलों के टेंडर लग जाएंगे। टेंडर लगते ही पुलों के निर्माण का कार्य तेजी से होगा।
– सीपी सिंह, ईई, लोनिवि, पिथौरागढ़
यह सड़क जिले में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी। चार धार्मिक स्थल और एक पर्यटक स्थल सीधे जिला मुख्यालय से जुड़ेंगे। पिथौरागढ़, बेरीनाग, गंगोलीहाट, थल चार स्थानों पर पर्यटन गतिविधियां बढ़ेगी। पुल निर्माण जल्दी करने के लिए जनता को साथ लेकर दबाव जारी रखा जाएगा।
– जगत सिंह खाती, पूर्व कांग्रेस प्रदेश महामंत्री
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