सीएम त्रिवेंद्र ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए किया 57400.32 करोड़ रुपये का बजट पेश
सीएम त्रिवेंद्र ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए किया 57400.32 करोड़ रुपये का बजट पेश
Uttarakhand Budget 2021-22: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 57400.32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। यह त्रिवेंद्र सरकार का ये पांचवां बजट है। सीएम त्रिवेंद्र ने सदन के पटल पर बजट करते हुए कहा कि हमने उत्तराखंड स्थापना के बीस साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर मैं सभी सेना के जवानों, पुलिस के जवानों, कोरोना योद्धाओं और जनता को शुभकामना देता हूं। इसके बाद उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। वहीं कोरोना काल में कोरोना योद्धाओं द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की। कहा कि इस बजट में रोजगार सृजन पर जोर दिया गया है।
Uttarakhand Budget 2021-22 Live Update
- जमरानी पेयजल बहुउद्देश्यीय परियोजना के लिए 2,584 करोड़ 10 लाख रुपए की सैद्धांतिक सहमति केंद्र से प्राप्त हुई. राज्य सरकार की ओर से जमरानी बांध परियोजना के लिए 240 करोड़ रुपए का रखा गया प्रावधान।
- “नन्दा गौरा योजनान्तर्गत” आय-व्ययक में 120 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
- उत्तराखण्ड राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए इस आय-व्ययक में 110 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत इस आय-व्ययक में 40 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है. विश्व बैंक पोषित उत्तराखण्ड वर्कफोर्स डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 140 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
- अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत आय-व्ययक में 25 करोड़ 65 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है. समेकित बाल विकास योजना अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-स्कूल किट एवं मेडिसिन किट उपलब्ध कराने एवं कार्यकर्ताओं के लिए ड्रैस के रूप में 02 साड़ी उपलब्ध कराये जाने के लिए15 करोड़ 43 लाख रुपये प्रावधान प्रस्तावित है.
- राष्ट्रीय पोषण मिशन के लिए 43 करोड़ 71 लाख रुपये और अनुपूरक पोषाहार के लिए 482 करोड़ 73 लाख का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के अन्तर्गत इस आय-व्ययक में 24 करोड़ 75 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत आय-व्ययक में 13 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है.
- वहीं चिकित्सा और परिवार कल्याण के लिए 3319 करोड़ 63 लाख रूपये का प्रावधान किया जा रहा है. समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 1152 करोड़ 88 लाख रूपये का प्रावधान प्रस्तावित है.
- अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल विकास पर जोर देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री हुनर योजना के बजट प्रावधान को दोगुना किया गया है. प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत अल्पसंख्यक बाहुल्य विकासखण्डों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इस आय-व्ययक में योजनान्तर्गत 40 करोड़ 35 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है.
- सौंग पेयजल योजना के लिए आय-व्यय में 150 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है. “जल जीवन मिशन” (ग्रामीण) हेतु 667 करोड़ 76 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है. पेरी अर्बन योजना के लिए आय-व्ययक में इस मद में 328 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है. नाबार्ड के अन्तर्गत पेयजल विभाग पेयजल योजनाओं के लिए 180 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है.
- साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में परम्परागत कृषि. विकास योजना के अन्तर्गत 87 करोड़ 56 लाख रुपये का प्राविधान किया गया है. गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए इस आय-व्ययक में 245 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ रूपये व एकीकृत आदर्श कृषि. ग्राम योजना में 12 करोड़ का रूपये का प्रावधान है.
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 67 करोड़ 94 लाख रूपये की धनराशि प्रस्तावित है. “मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना” के लिए इस आय-व्ययक में 25 करोड़ रूपये का प्रावधान प्रस्तावित है. दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना इस योजना के लिए आय-व्ययक में 47 करोड़ रुपये का प्रावधान है. जमरानी परियोजना के निर्माण के लिए आय-व्ययक में इसके लिए 240 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है.
- सीएम ने बताया कि साल 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों में 44151.24 करोड़ राजस्व आय अनुमानित है. वहीं 2021-22 में आय-व्ययक अनुमान में कर राजस्व 20195.43 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है. करेत्तर राजस्व के अन्तर्गत 23955.81 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल प्राप्तियां 57024.22 करोड़ अनुमानित है. साल 2021-22 में कुल 57400.32 करोड़ का व्यय अनुमानित है.
- साल 2021-22 में कुल व्यय में 44036.31 करोड़ राजस्व लेखे का खर्च 13364.01 करोड़ पूंजी लेखे का व्यय अनुमानित है. इस वित्तीय वर्ष में वेतन-भत्तों पर लगभग रू0 16422.51 करोड़ व्यय का प्राविधान किया गया है, पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों के रूप में 6400.19 करोड़ व्यय अनुमानित है. ब्याज भुगतान के रूप में 6052.63 करोड़ व्यय अनुमानित है. ऋणों के भुगतान के रूप में 4241.57 करोड़ व्यय अनुमानित है. साल 2021-22 के आय-व्ययक प्रस्ताव के आधार पर कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है. राजकोषीय घाटा 8984.53 करोड़ है.
- त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार और ऋषिकेश शहर को पूर्णतः सीवरेज योजना से आच्छादित किये जाने के लिए जर्मन विकास बैंक के.एफ.डब्ल्यू. की ओर से वित्त पोषित 1200 करोड़ रूपये के प्रस्ताव पर दिनांक 20 दिसम्बर, 2018 को त्रिपक्षीय एम.ओ.यू. हस्ताक्षर हो चुका हैं. इस योजना में महाकुम्भ के उपरान्त कार्य प्रारम्भ किया जायेगा इस आय-व्ययक में 80 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है.
- उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 57400.32 करोड़ का बजट पेश किया है. सीएम ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि आगामी 5 सालों से 15 वित्त आयोग से हमें 14 वें वित्त आयोग की तुलना में लगभग दुगनी धनराशि प्राप्त होगी.
- सीएम ने कहा कि पिछले चार सालों में हमारी सरकार ने कृषि, उद्योग, दुग्ध विकास पशुपालन, मत्स्य, जलागम वन एवं पर्यावरण आदि विभागों के तत्वाधान में आवश्यक नीतियां बनाई हैं. साथ ही जैविक कृषि के महत्व को समझते हुए इसके प्रोत्साहन के लिए प्रदेश में जैविक कृषि अधिनियम 2019 लागू किया गया है.
- रावत ने कहा कि कृषि एवं कृषि से संबंधित सहायक गतिविधियों से जुड़े हुए समस्त पहलुओं को समग्रता से समझने का एक प्रयास किया गया. हम कृषकों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके लिए आवश्यक नीतिगत व पूंजीगत प्रावधानों के लिए सदैव तत्पर रहे हैं.
- सीएम ने कहा कि सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही परिणाम है कि उत्तराखंड राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार जहां वह 2017-18 में 2 लाख 19 हज़ार 954 करोड़ रुपए था उससे बढ़कर वर्ष 2019-20 में 2 लाख 53 हज़ार 666 करोड़ रुपये हो गया है.
- सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न परियोजना देश को दी. नमामि गंगे, देहरादून स्मार्ट सिटी, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन योजना चल रही हैं. यह डबल इंजन का कमाल है. ऋषिकेश में जानकी सेतु पुल का निर्माण किया गया है. बेटी बचाओ और पढ़ाओ अभियान में उधमसिंह नगर जिला देश के सर्वश्रेष्ठ जिले में चुना गया.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से उत्तराखंड संवेदनशील है. रेणी गांव की आपदा में भारी नुकसान हुआ है. एसडीआरएफ, पुलिस, सेना ने तुरंत कार्रवाई की.
Share this content: