वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना से मिलेगी सीमांत को नई पहचान
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना से मिलेगी सीमांत को नई पहचान
पिथौरागढ़ : वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत हल्दी सीमांत जिले को नई पहचान दिलाएगी। इस योजना में शामिल किए जाने के बाद उद्यान विभाग ने हल्दी उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने की कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी 13 जिलों में एक विशेष उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन वन प्रोडक्ट योजना लांच की है। इसके तहत हर जिले के लिए उत्पाद तय किए गए हैं। इस योजना के तहत सीमांत जिले में हल्दी उत्पादन को शामिल किया गया है।
उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने की जिम्मेदारी उद्यान विभाग को सौंपी गई है। उद्यान विभाग ने हल्दी उत्पाद को बढ़ावा देने का खाका खींच लिया है। विभाग ने इस वर्ष हल्द्वानी का 350 कुंतल बीज मंगाया है। हल्दी बीज किसानों को वितरित किया जा रहा है। पिछले वर्ष तक जिले में मात्र 70 कुंतल बीज ही मंगाया जाता था। उद्यान विभाग जिले के सभी गांवों में हल्दी बीज का वितरण करेगा। इस वर्ष के उत्पादन को देखने के बाद अगले वर्ष इसे दोगुना किया जाएगा। हल्दी उत्पादन से किसानों की आमदनी बेहतर होगी और लोगों को गांवों में ही रोजगार मिलेगा।
जिला उद्यान अधिकारी पिथौरागढ़ आरएस वर्मा ने बताया कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत सीमांत जिले में हल्दी उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस वर्ष जिले में गत वर्ष की तुलना में पांच गुना अधिक हल्दी बीज किसानों में वितरित किया जा रहा है। अगले वर्ष इसे और बढ़ाया जाएगा।
पिथौरागढ़ में लगेगी प्रोसेसिंग यूनिट
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में हल्दी उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी। किसानों को हल्दी की प्रोसिसिंग की दिक्कत नहीं रहेगी। इसके लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित कर लिया गया है। प्रोसेसिंग यूनिट में हल्दी पाउडर तैयार करने के साथ ही पिगमेंट भी निकाला जाएगा। जिसका उपयोग कलर इंडस्ट्री में होगा।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत चयनित हल्दी उत्पादन को बढ़ावा देने से सीमांत जिले के किसानों को बंदरों के आतंक से भी निजात मिलेगी। हल्दी एक ऐसा उत्पाद है जिसे बंदर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। प्रगतिशील काश्तकार रघुवर सिंह ने कहा है कि हल्दी उत्पादन को बढ़ावा देने से किसानों की आमदनी में इजाफा होगा।
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