कुंभ कोरोना जांच पर आप प्रदेश उपाध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा विधायक के कार्यालय पर प्रदर्शन कर न्यायिक जांच के साथ सीएम से की इस्तीफे की मांग:
कुंभ कोरोना जांच पर आप प्रदेश उपाध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा विधायक के कार्यालय पर प्रदर्शन कर न्यायिक जांच के साथ सीएम से की इस्तीफे की मांग
कोरोना टेस्ट घोटाले पर हो जज स्तरीय कमेटी से जांच,सीएम के इस्तीफे और सभी जांचों की ऑडिट के लिए आप कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन कर कुंभ के दौरान कोरोना घोटाले को लेकर मुखर हुए इसी मुद्दे पर आप के प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल रावत ने कार्यकर्ताओं के साथ रामनगर विधायक का घेराव किया उन्होंने सरकार पर इस पूरे मामले में लापरवाही का आरोप लगाया। रावत ने कहा,इस घोटाले ने न केवल देश बल्कि विदेशों में भी भारत की साख को बट्टा लगाया क्योंकि कुंभ पूरे विश्व का पर्व है और बीजेपी सरकार के राज में अधिकारियों और उनके नेताओं की भूमिका साफ तौर पर इस घोटाले में सामने आ रही है । रावत ने सीधे सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा,इतने बड़े घोटाले पर न्यायिक जांच होनी चाहिए जिसकी अध्यक्षता किसी सीटिंग जज द्वारा होनी चाहिए ताकि जांच जल्दी और बिना किसी दबाव के हो ।इसके साथ मुख्यमंत्री को पूरे प्रदेश में कोरो ना जांच का ऑडिट कराना चाहिए और खुद स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए।
रावत ने कहा,बीजेपी की सरकार में उनके अपने लोग इस आपदा में भी अवसर ढूंढ रहे हैं इनका केवल चेहरा बदला है चरित्र नहीं ,चाहे निशंक सरकार के समय कुंभ का सबसे बड़ा 400 करोड़ का घोटाला हो या अभी कोरोना जांच का घोटाला हो। ये सरकार पूरी तरह घोटालों में डूब चुकी है लेकिन अब इनके पाप का घड़ा भर चुका है इसलिए आम आदमी पार्टी के सभी सभी 70 विधानसभाओं में आज बीजेपी के नेताओं के कार्यालय या घरों के आगे घड़ा फोड़ कर के प्रदर्शन करने का काम कर रहे हैं
आप प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा,कोरोना महामारी से निपटने में नाकाम रही बीजेपी सरकार ने एक तरफ जनता के सामने झूठे आंकड़े रखकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की वहीं दूसरी तरफ इनके अधिकारी और नेताओं ने मिलकर इस इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया जिसका प्रमाण एसडीसी फाउंडेशन(सोशल डिवेलपमेंट फार कम्यूनिटीज फाउंडेशन ) से मिलता है जो शुरू से हरिद्वार आंकड़ों पर सरकार पर सवाल उठा रही थी।एसडीसी फाउंडेशन ने 1 से 30 अप्रैल के बीच पूरे प्रदेश में हुए कोरोना टेस्टों का विश्लेषण किया जिनमें ,हरिद्वार में 600291 जांच में 17335 मामले पॉजिटिव आए जबकि इस दौरान अन्य 12 जिलों में कुल 442432 टेस्ट हुए जिनमें,62775 मामले पॉजिटिव आए। आंकड़े साफ तौर पर हरिद्वार में टेस्ट के नाम पर बड़े घोटाले की और इशारा कर रहे हैं।
रावत ने कहा,जिस फर्म को सरकार ने जांच के लिए अनुबंधित किया था उसी से मिलकर नेताओं और अधिकारियों ने फर्जीवाड़ा किया जिसमें 700 लोगों के नाम पर एक ही मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किया,हजारों मोबाइल नंबर जो रजिस्टर्ड थे वो गलत निकले।अलग अलग शहरों में रहने वालों का एक ही नंबर रजिस्टर्ड किया जो सीधे तौर पर सरकार की लापरवाही बताती है। यही नहीं फर्जी नेगेटिव जांच रिपोर्ट के इस खेल में सरकार ने देश विदेश से आए लाखों यात्रियों का जीवन खतरे में डाल दिया और पूरे देश और प्रदेश में कोरो ना संक्रमण फैलाने की जमीन भी तैयार की जिसकी कीमत हजारों लोगों ने अपनी जान देकर चुकाई। कहा,मुख्यमंत्री तीरथ रावत को तत्काल इस अपराध की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और बीजेपी पार्टी को प्रदेश की जनता से माफी भी मांगनी चाहिए जो उन्होंने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत फिर तीरथ सिंह रावत को प्रदेश की जनता पर थोपा जिन्होंने कोरो ना महामारी में लोगों की जान बचाने के बजाय उनको मौत के मुंह में धकेलने का काम किया। इसके अलावा बीजेपी नेता इस घोटाले में शामिल हैं जिनके फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। दोनों मुख्यमंत्री इस घोटाले को अपने कार्यकाल का नहीं कह कर ये मान चुके है कि घोटाला हुआ है । अब सीएम तीरथ को स्वास्थ्य मंत्री होने के साथ साथ इस घोटाले पर नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। धरना प्रदर्शन में नगर अध्यक्ष नवीन नैथानी मीडिया प्रभारी अर्जुन पाल ब्लॉक अध्यक्ष रोगन टडियाल लोक महासचिव नितिन कंडारी कुंदन सिंह रावत आनंद राम गंगाधर करगेती निर्मल पाठक मंजू रावत अनु शर्मा रोशनी रावत हुसैन तारा विनीता गोविंद राम जी मोहन सिंह बिष्ट विकास अनजान दिनेश सती पंकज तिवारी योगेश गुसाईं नंदकिशोर विकास रावत दान सिंह उमेद सिंह चन्दरपाल सिंह आदि मौजूद थे
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