नानकमत्ता आ रहे सिख समुदाय के लोगों को बार्डर पर रोकने पर बवाल, मौके पर फोर्स तैनात
खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के आगमन पर नानकमत्ता गुरुद्वारा परिसर में आयोजित नृत्य कार्यक्रम का वीडियो वायरल होने और सीएम को चांदी का मुकुट भेंट करने के विरोध सिख समुदाय मुखर हो गया है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश से विरोध बैठक में शामिल होने आ रहे सिख संगत को मझोला बॉर्डर पर रोक दिया गया। जिसके बाद समुदाय के लोग भड़क उठे। उन्होंने वहीं प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुस्साए लोगों ने चौकी इंचार्ज को धकियाते हुए वाहन आगे बढ़ा दिए, जिससे मौके पर बवाल हो गया। सूचना के बाद घटना स्थल पर सीओ, एसडीएम, तहसीलदार मय फोर्स पहुँचे गए हैं।
सिख संगत का कहना है कि वह अपने गुरुद्वारे में आयोजित बैठक में भाग लेने जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें जबरन रोकना न्याय संगत नहीं है। बॉर्डर पर सिख समुदाय के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हो गए हैं। बताया जा रहा है कि सिख संगत नानकमत्ता गुरुद्वारे में डेरा कारसेवा प्रमुख द्वारा उत्तराखंड के सीएम को चांदी का मुकुट भेंट करने के विरोध में सिख संगत की बैठक होनी है। जिसमें यह लोग शामिल लेने के लिए आ रहे थे। बाद में सभी लोग गुरुद्वारा की ओर रवाना हो गए। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नानकमत्ता आगमन पर नानकमत्ता गुरुद्वारा परिसर में नृत्य कार्यक्रम के आयोजन पर हंगामा शुरू हो गया है। मौके पर तैनात सेवादारों ने कार्यक्रम को कुछ मिनट में ही रुकवा दिया था, लेकिन इसका वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी ने दोनों सेवादारों को तत्काल बर्खास्त कर दिया है। प्रबंध कमेटी अध्यक्ष ने आयोजन को मर्यादा के विपरीत बताते हुये घटना पर खेद जताया है। 24 जुलाई को सीएम पुष्कर सिंह धामी नानकमत्ता पहुंचे थे।यहां कार्यकर्ताओं के स्वागत के बाद सीएम धामी गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में मत्था टेकने पहुंचे थे। इस दौरान सूचना एवं सांस्कृतिक विभाग की ओर से सीएम के स्वागत में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सीएम के गुरुद्वारा में प्रवेश करते ही बालिकाओं ने जोड़ाघर के बाहर टिनशेड के नीचे स्वागत गीत और नृत्य प्रारंभ कर दिया था। कुछ मिनट बाद ही वहां तैनात सेवादारों ने कार्यक्रम रुकवा दिया था और बालिकाओं को वहां से हटा दिया था। लेकिन, इसी बीच किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होते ही प्रबंध कमेटी पर सवालिया निशान खड़े हो गये। सिख संगत ने आयोजन को मर्यादा के विरुद्ध बताया और मामले पर स्पष्टीकरण मांग लिया।
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