पर्यटन के नाम पर तोड़े जा रहे नियम, हाई कोर्ट ने जताई चिंता
नैनीताल। उत्तराखंड राज्य में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप के कम होने और तीसरी लहर की आशंका के बीच बेतहाशा बढ़ रहे पर्यटन को लेकर हाई कोर्ट ने चिंता जताते हुए सरकार को वीकेंड लॉकडाउन के बारे में पुघ्नर्विचार करने का आदेश दिया। देहरादून समेत मसूरी और राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल में पर्यटकों की भीड़ बढ़ने को लेकर हाई कोर्ट ने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा है कि नैनीताल ज्यूडिशियल कैपिटल है, इसके बावजूद स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि नैनीताल में भारी भीड़ के बीच न तो मास्क के नियम का पालन हो रहा है, न ही सोशल डिस्टेंसिंग का।
उत्तराखंड में पर्यटकों की भीड़ बढ़ने के बारे में मीडिया में जो रिपोर्ट्स प्रकाशित हुईं, उन पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने न केवल चिंता ज़ाहिर की बल्कि सरकार से कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर वह पर्यटन और स्वास्थ्य संबंधी मामलों में उचित कदम उठाते हुए पुनर्विचार करे। हाई कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख तक राज्य के मुख्य सचिव वीकेंड लॉकडाउन पर निर्णय की जानकारी कोर्ट को दें। हाई कोर्ट ने कोविड को लेकर चल रहीं राज्य भर की तैयारियों को लेकर जवाब तलब किए हैं। स्वास्थ्य सचिव को आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि डेल्टा प्लस के संबंध में इंतजाम क्या हैं व कितने केस मिले हैं, इस बारे में रिपोर्ट कोर्ट को दी जाए। सीएचसी में डॉक्टरों की स्थिति और जूनियर डॉक्टरों के मानदेय बढ़ाने पर भी सरकार को विचार करने के निर्देश कोर्ट ने दिए।
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