टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल:खत्म हुआ 14 साल का इंतजार, पहली बार टी-20 चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया; NZ को 8 विकेट से हराया

29 दिन और 45 मुकाबलों के बाद टी-20 वर्ल्ड कप 2021 का चैंपियन मिल गया है। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 8 विकेट से हराकर T-20 विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। टॉस हारकर पहले खेलते हुए NZ ने वर्ल्ड कप के फाइनल में अब तक का सबसे बड़ा 172/4 का स्कोर बनाया। केन विलियम्सन (85) टॉप स्कोरर रहे, जबकि AUS के लिए जोश हेजलवुड के खाते में 3 विकेट आए।

173 रनों के टारगेट को फिंच एंड कंपनी ने 18.5 ओवर के खेल में 2 विकेट के नुकसान पर बहुत ही आसानी से अपने नाम कर लिया। जीत में डेविड वार्नर (53) और मिचेल मार्श (77)* रनों की पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया 14 साल के टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार चैंपियन बना है।

  • AUS पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब हुई।
  • ICC के नॉकआउट मैचों में कंगारू टीम की न्यूजीलैंड के खिलाफ ये लगातार 5वीं जीत रही।
  • टारगेट का पीछा करते हुए AUS की शुरुआत खराब रही और तीसरे ओवर में ट्रेंट बोल्ट ने एरोन फिंच (5) का विकेट चटकाया। दूसरे विकेट के लिए डेविड वार्नर और मिचेल मार्श ने 59 गेंदों पर 92 रन जोड़कर टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। इस साझेदारी को बोल्ट ने वार्नर (53) को आउट कर तोड़ा। तीसरे विकेट के लिए ग्लेन मैक्सवेल और मिचेल मार्श ने 39 गेंदों पर 66 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलियाई टीम को चैंपियन बना दिया।
    • डेविड वार्नर (53) T20I में उनका ये 21वां अर्धशतक रहा।
    • वार्नर (289) रन किसी भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का टी-20 WC में सबसे बढ़िया प्रदर्शन रहा।
    • मिचेल मार्श (77)* T20I में उनका ये छठा अर्धशतक रहा।
    • मार्श को उनकी शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।

    विलियम्सन ने खेली कप्तानी पारी
    टॉस गंवाकर पहले खेलते हुए NZ की शुरुआत सधी हुई रही। पहले विकेट के लिए डेरिल मिचेल और मार्टिन गुप्टिल ने 23 गेंदों पर 28 रन जोड़े। इस पार्टनरशिप को जोश हेजलवुड ने मिचेल (11) का विकेट लेकर तोड़ा। पहले विकेट के बाद कीवी पारी सुस्त नजर आई और 34 गेंदों के बाद टीम की ओर से पहला चौका देखने को मिला। एडम जम्पा ने मार्टिन गुप्टिल (28) का विकेट लेकर दूसरा विकेट चटकाया। दो विकेट खोने के बाद केन विलियम्सन ने रफ्तार पकड़ी और मैक्सवेल की गेंदों पर लगातार दो छक्के लगाते हुए 31 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। 10 ओवर तक NZ का स्कोर 57/1 था।

    16वें ओवर में विलियम्सन ने स्टार्क की पहली दो गेंदों पर लगातार दो चौके लगाए और तीसरी गेंद पर उनके बल्ले से शानदार छक्का देखने को मिला। केन यही नहीं रुके और आखिरी दो गेंदों पर भी चौके लगाए। कीवी कप्तान ने तेजी से रन बनाते हुए मैच में और टीम की धीमी पारी में जान फूंक दी। NZ का तीसरा विकेट हेजलवुड ने ग्लेन फिलिप्स (18) को आउट कर हासिल किया। दो गेंदों के बाद ही उन्होंने विलियम्सन (85) की पारी पर ब्रेक लगाया। जिमी नीशम ने 7 गेंदों पर नाबाद 13 और टिम साइफर्ट ने 6 गेंद पर नाबाद 8 रन बनाए।

  • पावरप्ले तक कीवी टीम का स्कोर 1 विकेट के नुकसान पर 32 रन था।
  • सुपर-12 से अभी तक इस वर्ल्ड के पावरप्ले में जोश हेजलवुड ने 7 विकेट चटकाए।
  • गुप्टिल ने 35 गेंदों पर 28 रनों की धीमी पारी खेली।
  • विलियम्सन (85) T20I में उनका ये 14वां और इस टूर्नामेंट में पहला अर्धशतक रहा।
  • विलियम्सन (85) टी-20 WC के फाइनल में किसी भी कप्तान की ये सबसे बड़ी पारी रही।
  • मिचेल स्टार्क ने अपने चार ओवर में बिना कोई विकेट लिए 60 रन खर्च किए।
  • NZ 172/6 किसी भी टी-20 WC के फाइनल का ये सबसे बड़ा स्कोर रहा।
  •  केन का कैच छोड़ना पड़ा महंगा
    ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर मैथ्यू वेड ने दूसरे ओवर की तीसरी गेंद पर बड़ा मौका गंवा दिया। उन्होंने मैक्सवेल की गेंद पर न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल का कैच छोड़ दिया। पारी के दौरान 11वें ओवर में विलियम्सन को आउट करने का ऑस्ट्रेलिया के पास बहुत बड़ा मौका था। ओवर की तीसरी गेंद पर केन का आसान कैच जोश हेजलवुड ने छोड़ दिया, फिर क्या था। दुबई के मैदान पर विलियम्सन नाम का तूफान आ गया। 11वें ओवर में उन्होंने 19 रन बना दिए। इस ओवर के बाद जो भी गेंदबाज उनके सामने आया उन्होंने सबकी अच्छी तरह से धुलाई की। अपनी पारी के दौरान विलियम्सन ने 48 गेंद पर 10 चौके और 3 छक्के की मदद से 85 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 177.08 का था।
  • ऑस्ट्रेलिया ने सही साबित किया फैक्ट
    टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल से पहले एक रोचक फैक्ट सामने निकलकर आया था। दरअसल, 2007 से 2016 के बीच कुल 6 टी-20 वर्ल्ड खेले गए हैं, 2007 के टूर्नामेंट को छोड़ दिया जाए, तो अभी 2009 से 2016 के बीच जिस भी टीम ने टी-20 WC जीता, उसका नॉकआउट मैचों से पहले भारत के साथ सामना नहीं हुआ था। मतलब साफ है कि, अभी तक टूर्नामेंट के इतिहास में वो टीम विजेता बनी जिसका सामना सेमीफाइनल या फाइनल से पहले टीम इंडिया के साथ नहीं हुआ था। ऑस्ट्रेलिया ने इस फैक्ट को सही साबित कर दिखाया। उनका भी इस टूर्नामेंट में भारत के कोई मुकाबला नहीं हुआ था।

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