माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई की गणना गणितज्ञ राधानाथ सिकदर ने की थी.
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई की गणना गणितज्ञ राधानाथ सिकदर ने की थी.
डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का नाम ‘माउंट एवरेस्ट’ रखा गया, उन्होंने जीवन का एक लंबा अर्सा पहाड़ों की रानी मसूरी में गुजारा था। वेल्स के इस सर्वेयर एवं जियोग्राफर ने ही पहली बार एवरेस्ट की सही ऊंचाई और लोकेशन बताई थी। इसलिए ब्रिटिश सर्वेक्षक एंड्रयू वॉ की सिफारिश पर वर्ष 1865 में इस शिखर का नामकरण उनके नाम पर हुआ। इससे पहले इस चोटी को ‘पीक-15’ नाम से जाना जाता था। जबकि, तिब्बती लोग इसे ‘चोमोलुंग्मा’ और नेपाली ‘सागरमाथा’ कहते थे। मसूरी स्थित सर जॉर्ज एवरेस्ट के घर और प्रयोगशाला में ही वर्ष 1832 से 1843 के बीच भारत की कई ऊंची चोटियों की खोज हुई और उन्हें मानचित्र पर उकेरा गया। जॉर्ज वर्ष 1830 से 1843 तक भारत के सर्वेयर जनरल रहे। सर जॉर्ज एवरेस्ट का घर और प्रयोगशाला मसूरी में पार्क रोड में स्थित है, जो गांधी चौक लाइब्रेरी बाजार से लगभग छह किमी की दूरी पर पार्क एस्टेट में स्थित है।
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