मौजूदा समय में दुनियाभर में ज्यादातर स्वास्थ्य समस्याओं के लिए खराब जीवनशैली की आदतों को प्रमुख कारक के तौर पर देखा जा रहा है। आहार से लेकर शारीरिक गतिविधियों में कमी तक, पिछले कुछ वर्षों में हम कई वजहों से ऐसी आदतों को अपनाते जा रहे हैं, जो तमाम तरह की बीमारियों के खतरे को बढ़ा देती हैं। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, गठिया और शरीर के अंगों में दर्द के लिए इसे ही प्रमुख कारक के तौर पर देखा जा रहा है। गड़बड़ जीवनशैली और शारीरिक निष्क्रियता के कारण मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है जिसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर दोनों को ही ‘साइलेंट किलर’ डिजीज के तौर पर जाना जाता है। ये शरीर में कई अन्य तरह की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देती हैं। इसको कंट्रोल करना समय पर बहुत आवश्यक है। इन समस्याओं में दवाइयों के साथ स्वस्थ जीवनशैली पर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता होती है। अपने जोखिम कारकों को समझते हुए सभी लोगों को कम उम्र से ही इनकी रोकथाम की कोशिश करते रहनी चाहिए। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि जीवनशैली की कौन सी खराब आदतें डायबिटीज-हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकती हैं|
ऑफिस में लंबे समय तक एक जगह पर बैठकर काम करते रहने से लेकर घर में छुट्टी के दिन बेड पर सोते रहने जैसी आदतों ने लोगों में शारिरिक निष्क्रियता को काफी अधिक बढ़ा दिया है। यह आदत कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न करने से टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है। शारीरिक गतिविधियां, रक्त शर्करा (ग्लूकोज), वजन और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ने लगता है जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।