Russia Ukraine war : स्वीडन व फिनलैंड ने नाटो की सदस्यता के लिए दी अर्जी, यूक्रेन जंग के बीच उठाया कदम
नाटो के प्रमुख ने स्वीडन व फिनलैंड द्वारा इस पश्चिमी देशों के महत्वपूर्ण संगठन की सदस्यता की अर्जी देने की सूचना दी।
रूस-यूक्रेन जंग से चिंता के बीच स्वीडन व फिनलैंड ने नाटो की सदस्यता के लिए अर्जी दे दी है। इससे रूस और खफा हो सकता है। रूस इन दोनों देशों को पहले ही नाटो की सदस्यता नहीं लेने की चेतावनी दे चुका है।
पूर्व सोवियत राज्य यूक्रेन द्वारा नाटो की सदस्यता के मुद्दे पर ही रूस ने जंग छेड़ी है। नाटो के प्रमुख ने स्वीडन व फिनलैंड द्वारा इस पश्चिमी देशों के महत्वपूर्ण व ताकतवर संगठन की सदस्यता की अर्जी देने की सूचना दी। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने बुधवार को कहा कि फिनलैंड और स्वीडन ने आधिकारिक तौर पर दुनिया के सबसे बड़े सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए आवेदन दिया है। उन्होंने कहा कि वह नाटो में शामिल होने के लिए दोनों देशों की अर्जी का स्वागत करते हैं। यह हमारी सुरक्षा के लिए अच्छा दिन है।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने आपत्ति जताई
दोनों देशों के सदस्यता आवेदन पर नाटो के 30 सदस्य देश विचार करेंगे। इसके बाद करीब दो सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी होगी। हालांकि, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल करने पर आपत्ति जताई है।
रूस से खतरे के कारण जल्दी मिल सकती है सदस्यता
उनकी आपत्तियों को दूर करने के बाद सदस्यता वार्ता अनुकूल रही तो इन दोनों देशों को कुछ माह में सदस्य बनाया जा सकता है। सदस्यता प्रक्रिया में आमतौर पर 8 से 12 महीने लगते हैं, लेकिन रूस के आक्रामक रवैए से यूरोपीय देशों के सिर पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए नाटो जल्दी से आगे बढ़ना चाहता है।
बाइडन कल मिलेंगे दोनों देशों के प्रमुखों से
उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन 19 मई यानी गुरुवार को स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डालेना एंडरसन और फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो का व्हाइट हाउस में स्वागत करेंगे। इस दौरान तीनों नेताओं के बीच फिनलैंड और स्वीडन की नाटो सदस्यता और यूरोपीय सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा होगी। व्हाइट हाउस ने बताया कि तीनों देशों के शीर्ष नेता वैश्विक मुद्दों पर साझेदारी को मजबूत करने और यूक्रेन के लिए समर्थन पर भी चर्चा करेंगे।
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