पैक्स समितियों में खोले जाएंगे जन औषधि केंद्र: डॉ. धन सिंह रावत

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पैक्स समितियों में खोले जाएंगे जन औषधि केंद्र: डॉ. धन सिंह रावत

आम लोगों को न्याय पंचायत स्तर पर उपलब्ध होंगी जेनेरिक दवाएं

देहरादून

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड द्वारा जन औषधि दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जन औषधि केंद्रों को खोलकर लोगों को सस्ती व सुलभ दवाएं उपलब्ध कराने की बात कही। कार्यक्रम में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में जन औषधि केंद्र स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती में मददगार साबित हो रहे हैं साथ ही रोजगार एवं पलायन रोकने में भी सहायक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही सहकारिता विभाग के अंतर्गत प्रत्येक पैक्स समितियों में जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे, ताकि न्याय पंचायत स्तर पर आम लोगों को जेनेरिक दवाएं उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जन औषधि दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राज्य में जो भी जन औषधि केन्द्र खोले जा रहे हैं, उनमें सरकार द्वारा 05 लाख रूपये की सहायता दी जाती है। उनजोने कहा कि गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने में जन औषधि केन्द्र सरकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य को अभी 400 जन औषधि केन्द्र खोलने का लक्ष्य मिला है, 225 जन औषधि केन्द्र खोले जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी 670 न्याय पंचायतों में कोपरेटिव सोसायटी में एक-एक जन औषधि केन्द्र खोला जायेगा। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।


उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने राज्य में 500 से अधिक विकलांग बच्चों को घर पर ही शिक्षा ग्रहण करने की व्यवस्था का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार 265 अध्यापकों की नियुक्ति करने जा रही है। राज्य के 850 अनाथ बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नाम से 13 हॉस्टल बनाये जा रहे हैं, जिनमें से 10 पूर्ण हो चुके हैं। इन हॉस्टल में अनाथ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा एवं रहने की व्यवस्था की गई है। हर जनपद में एक-एक डायलिसिस केन्द्र चल रहा है। राज्य में संस्थागत प्रसव में तेजी से वृद्धि हुई है, पिछले 05 सालों में संस्थागत प्रसव 37 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत हुआ है। शिशु मृत्युदर में भी कमी आई है। प्रति हजार शिशु पर शिशु मृत्युदर 29 से घटकर 24 हुआ है। इसे 10 से कम लाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।