खेलेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया, अल्मोड़ा स्पोर्ट्स स्टेडियम की बदलती तस्वीर, खिलाड़ियों को होंगे कई फायदे
अल्मोड़ा. खेलेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया के तहत खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार की पहल अब धीरे-धीरे देखने को मिल रही है. उत्तराखंड के अल्मोड़ा शहर में स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा स्पोर्ट्स स्टेडियम की छवि अब धीरे-धीरे बदल रही है. यहां के कई प्रतिभावान खिलाड़ियों ने अल्मोड़ा का नाम ऊंचा किया है, जैसे कि भारतीय महिला क्रिकेटर एकता बेस्ट और अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन. पहले कदम में हेमवती नंदन स्टेडियम की स्थिति खराब थी, जिससे स्थानीय खिलाड़ियों को समर्थन और प्रशिक्षण की कमी का सामना करना पड़ता था. लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से 4 करोड़ 29 लाख रुपए की स्वीकृति के बाद, स्टेडियम की सुविधाएं सुधार रही हैं, जिससे खिलाड़ियों को उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण और सुविधाएं मिलेंगी.
दरअसल, इस स्टेडियम के मैदान में बारिश के दिनों में पानी भरने की समस्या से खिलाड़ियों को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. इस परिस्थिति को देखते हुए, सबसे पहले ड्रेनेज सिस्टम का काम किया गया, जो अब पूरी तरह से पूरा हो चुका है. इससे अब ग्राउंड पर पानी जमा नहीं होगा. साथ ही, क्रिकेट खेलते समय खिलाड़ियों की बॉल आउट ऑफ बाउंड जाने की समस्या को देखते हुए चैनलिंक फेंसिंग भी लगा दी गई है, जिससे बॉल बॉर्डर के बाहर नहीं जाएगी. इसके साथ ही, मैदान की ऊपरी सतह बर्बर होने के कारण क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी खिलाड़ियों को उपलब्धियों के बीच कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. हालांकि, यह ग्राउंड का स्तर बराबर कर दिया गया है और जल्द ही इसमें बरमुंडा घास लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी.
स्टेडियम की बदलती तस्वीर
हॉकी कोच लता साह ने स्टेडियम के मैदान की प्रारंभिक हालत को स्पष्ट करते हुए बताया कि पहले से ही स्थिति काफी खराब थी, और मैदान में धूल, मिट्टी और पत्थर जैसे आवश्यकता से अधिक चीजें मौजूद थी. इसके कारण कई खिलाड़ियों को चोटें आने का खतरा रहता था. हालांकि, अब स्टेडियम के हालात में सुधार हो रहे हैं जिससे आने वाले समय में खिलाड़ियों के लिए खेलने में काफी अधिक सुविधा होगी. क्रिकेट के खिलाड़ी मोहन भट्ट ने स्टेडियम की स्थिति को बताते हुए कहा कि अल्मोड़ा के मैदान की स्थिति अब काफी सुधर चुकी है. खिलाड़ियों के लिए एक बेहतर फील्ड, रात्रि नेट के अलावा अच्छी पिच भी उपलब्ध है, जो उन्हें सुविधाएं प्रदान करेगी. इससे आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की संभावना है.
खिलाड़ियों के लिए बेहतर होंगी सुविधाएं
फुटबॉल के कोच मनीष कनवाल ने पहले और अब की तुलना करते हुए स्टेडियम की स्थिति के बदलाव को दर्शाते हुए बताया कि स्टेडियम की तस्वीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है. पहले खिलाड़ियों को गड्ढे और पत्थरों के कारण कई समस्याएं होती थी, लेकिन अब स्थिति में सुधार हो रहा है. ग्राउंड के स्तर को समान करने और जल्द ही बरमूंडा घास लगाने से खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं बेहतर होंगी. जिला क्रीड़ा अधिकारी अरुण बनग्याल ने मुख्यमंत्री की घोषणा के परिणामस्वरूप स्टेडियम के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई थी, जिसका लगभग पूरा हो चुका है. इस निर्माण कार्य में दर्शक की दीर्घा, चैनलिंग फेंसिंग, ड्रेनेज, ग्राउंड के लेवलिंग के साथ-साथ बरमूंडा घास भी लगाई गई है. उन्होंने बताया कि इसके निर्माण कार्य का पूरा होने का लक्ष्य 20 अक्टूबर तक है और उसके बाद स्थानीय बच्चों को इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे.
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