दो दिवसीय दौरे पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत पहुंचे हिमाचल प्रदेश
देहरादून। डॉ. धन सिंह रावत, एक कैबिनेट मंत्री, हाल ही में दो दिन के हिमाचल प्रदेश दौरे पर जा रहे हैं। उनके दौरे के दौरान, वे करसोग तहसील के कलाशन में पहुंचे, जहां उन्होंने उत्तराखंड में एप्पल फार्मिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वहां के सेब बागानों का निरीक्षण किया। उन्होंने सेब काश्तकारों से भी मुलाकात की।
इसके अलावा, डॉ. रावत अपने दौरे के दौरान शिमला में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के संबंध में आयोजित कार्यशाला में भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि वे गुरूवार, 19 अक्टूबर, और शुक्रवार, 20 अक्टूबर को दो दिन के दौरे के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में हिमाचल प्रदेश में भाग लेंगे।
डॉ. रावत ने बताया कि वह शुक्रवार को शिमला में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के संबंध में आयोजित विशेष कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगे। इस अवसर पर वह लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा योजना से होने वाला फायदों से अवगत करायेंगे। उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है। जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती पर की।
इस योजना का उद्देश्य देश के करोड़ों कारीगरों को मुख्यधारा से जोड़ना है। इसके तहत 18 पारंपरिक पेशों से जुड़े कारीगरों का चयन किया जायेगा और उन्हें पांच से सात दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान पांच सौ रुपये प्रतिदिन भत्ता, प्रशिक्षण के बाद टूलकिट की खरीद के लिए पंद्रह हजार रुपये और पांच प्रतिशत की ब्याज दर पर दो किश्तों में तीन लाख रुपये का गारंटी मुक्त ऋण दिया जाएगा।
इससे पहले गुरूवार को शिमला पहुंचने पर डॉ. रावत का हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। शिमला पहुंचने के बाद डॉ. रावत हिमालच प्रदेश के कलाशन पहुंचे। जहां उन्होंने कलाशन सेब बागान का भ्रमण किया और सेब की खेती से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने सेब काश्तकारों से भी मुलाकात की और सेब उत्पादन को लेकर उनके अनुभवों को जाना। डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य में एप्पल फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है और सहकारिता के माध्यम से प्रदेश के पर्वतीय जनपदों उत्तरकाशी, चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ सहित अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों एवं काश्ताकरों को सेब की खेती का प्रशिक्षण दे रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सेब उत्पादन की असीम सम्भावनाएं हैं और राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को औद्यानिकी की ओर आकर्षित कर स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है।
Share this content: