अल्मोड़ा : वन विभाग का फायर सीजन शुरू हो गया है। वहीं विभाग को अब तक फायर सीजन से निपटने के लिए बजट जारी नहीं किया गया है। चालू वर्ष के बचे हुए बजट 21.50 लाख की धनराशि से ही व्यवस्था चल रही है। वहीं विभाग में कार्मिकों की कमी से भी दिक्कतें बढ़ रही हैं।

जून माह तक होती हैं वनाग्नि की ज्यादातर घटनाएं

वनों के संवर्द्धन व वनाग्नि से वनों की सुरक्षा के लिए जिला मुख्यालय में सिविल सोयम व अल्मोड़ा वन प्रभाग संचालित है। इन वन प्रभागों में वनाग्नि सुरक्षा के लिए अब तक कोई बजट जारी नहीं किया गया है। सिविल सोयम वन प्रभाग में चालू वर्ष के बचे बजट 10.50 लाख तथा अल्मोड़ा वन प्रभाग में 11 लाख से वनों की आग से सुरक्षा का कार्य किया जा रहा है। इसी बजट से फायर वाचरों का भुगतान भी किया जाना है। दोनों वन प्रभाग 72332.678 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले हैं। बता दें वनाग्नि की ज्यादातर घटनाएं जून माह तक होती हैं।

अल्मोड़ा वन प्रभाग के पास न पर्याप्त बजट, न मैन पावर

वहीं, वनाग्नि शमन के लिए विभागों के पास मात्र 21.50 लाख का ही बजट उपलब्ध है। यह बजट इतने बड़े हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। वहीं वन प्रभागों में संसाधनों का भी बुरा हाल है। वन दारोगा के 145 पदों में से 89, वन रक्षक के 179 में से 68, रेंजर के 14 में चार तथा सिविल सोयम वन प्रभाग में उप वन क्षेत्राधिकारी के 18 स्वीकृत पदों में से सात पद खाली चल रहे हैं। बजट की कमी व विभागों में कार्मिकों की कमी से वनाग्नि सुरक्षा कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं।

वनों की सुरक्षा के लिए विभाग सतर्क है। रेंजों में वनों की आग से सुरक्षा के लिए 155 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें फायर वाचरों की तैनाती की गई है। वनाग्नि शमन के लिए अभी कोई धनराशि जारी नहीं की गई। 2022-23 के बजट से ही काम चल रहा है। नए बजट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।