खराब फिटनेस के बाद भी हार्दिक को टीम में बनाए रखा, दबाव अभी भी ड्रेसिंग रूम में बरकरार

टीम

T-20 वर्ल्ड कप में बहुत ही उम्मीदों के साथ BCCI ने एमएस धोनी को टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में शामिल किया था। उनकी मेंटरशिप में जिस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद की गई थी, टीम इंडिया उससे उल्टा ही खेल दिखा रही है। विराट कोहली की कप्तानी में भले ही टीम इंडिया ट्रॉफी नहीं जीती, लेकिन लीग मैचों में अच्छे प्रदर्शन के साथ वह अंतिम चार में जगह बनाती रही है, लेकिन इस बार तो धोनी की मेंटरशिप में भारतीय टीम के टॉप-4 में पहुंचने के भी लाले पड़ गए हैं। पहले पाकिस्तान के हाथों शर्मनाक हार और अब न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद धोनी को आड़े हाथों लिया जा रहा है।

टीम का दबाव नहीं कर पाए दूर

धोनी को टीम से जोड़ने की बड़ी वजह यही थी कि वह वर्ल्ड कप जैसे बड़े इवेंट में ड्रेसिंग रूम को तनाव मुक्त बनाकर रखें, लेकिन पिछले दोनों मैचों में भारतीय टीम पूरी तरह से दबाव में नजर आई। PAK के खिलाफ भारत ने 7 विकेट के नुकसान पर 151 रन बनाए थे। उस मैच में गेंदबाजों के पास लड़ने के लिए अच्छा टारगेट था, लेकिन सभी गेंदबाज पूरी तरह से बेबस नजर आए थे। पाकिस्तान के खिलाफ हमारे बॉलर्स ने 107 गेंदों डालीं और विकेट एक भी नहीं ले सके। नतीजा 29 सालों से पड़ोसी देश के खिलाफ वर्ल्ड कप में चला आ रहा जीत का सफर दुबई में थम गया।

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